मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित एम.ऐ.सी.टी/ मैनिट तकनीकी शिक्षा के लिए, देश की प्रतिष्ठित संस्था है।
इस संस्थान ने देश को उच्च स्तर के नेता, ईमानदार आईपीएस और आईएएस सहित, समर्पित तकनीकी एक्सपर्ट्स दिए हैं।
राजनीति में सुरेश पचौरी, स्व. अजीत जोगी, पी सी शर्मा, शैलेन्द्र प्रधान, भूपेंद्र गुप्ता (अगम), उत्तम दान मिंज आदि ने ऊँचा नाम कमाया है।
आई पी एस कैलाश मकवाना, डीजीपी का नाम ईमानदारी और संवेदनशील लोकप्रिय पुलिस अधिकारी के रूप में जाना जाता है।
मध्यप्रदेश भोपाल के महेंद्र दुबे ने भारत की महारत्न कंपनी भेल में डायरेक्टर के पद को सुशोभित किया और देश विदेश में मानित का नाम रोशन किया।
इस चुनाव के द्वारा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव सहित 11 एग्जीक्यूटिव (इंडिया) और 4 एग्जीक्यूटिव (विदेश) बनाये जायेंगे।
चुनाव में 70 वर्षीय विष्णु अग्रवाल, एम.टेक(मानित) वरिष्ठतम उम्मीदवार हैं।
श्री अग्रवाल ने बताया कि मेरे एलुमनाई नेटवर्क बहुत महत्वपूर्ण होता है और विषम परिस्थितियों बहुत सहायक होता है।
ज्ञांतव्य है कि पूरे देश 55000 मेक्ट/ मैनिट अलुमनी देश विदेश में फ़ैले हुए हैं।
वर्ष 1960 में भोपाल के मौलाना आज़ाद कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी (MACT) या क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज (REC) के रूप में स्थापित, यह 2002 में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान बना।
तत्पश्चात मौलाना आजाद राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान ने NIT अधिनियम के तहत राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त की।
यह मध्य भारत क्षेत्र मध्यप्रदेश, छतीसगढ़ और विदर्भ क्षेत्रों का सबसे बेहतर और उच्च गुणवत्ता का संस्थान है।
यह संस्थान 24 विभिन्न विशेषज्ञताओं में नियमित तथा अंशकालिक पद्धति से एम.टेक पाठयक्रमों के साथ-साथ एमसीए तथा एमबीए पाठयक्रम भी संचालित करता है। इस महत्वपूर्ण संस्थान में केवल शीर्ष 5% आवेदक ही प्रवेश सुरक्षित कर पाते हैं।
प्रवासी भारतीयों और विदेशी नागरिकों के लिए, प्रवेश डीएएसए (छात्रों के लिए प्रत्यक्ष प्रवेश) के माध्यम से आयोजित किया जाता है, जहां भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में एसएटी विषय परीक्षा के एक योग्य स्कोर की आवश्यकता होती है।
डीएएसए के अलावा, प्रवेश के लिए अन्य छात्रवृत्ति कार्यक्रम भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के माध्यम से प्रदान किए जाते हैं। विभिन्न देशों जैसे अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, कुवैत, सऊदी अरब, कतर, ओमान, यूएई आदि से कई छात्र हर साल संस्थान में प्रवेश लेते हैं।
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