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कर्नाटक सरकार के शपथ ग्रहण में विपक्ष नहीं हो सका एकजुट

राष्ट्रीय            May 20, 2023


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

कर्नाटक को आखिरकार आज अपना मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मिल ही गया। आज कांग्रेस के दिग्गज नेता सिद्धारमैया ने कर्नाटक के 30वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। डीके शिवकुमार ने नई सरकार में उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

इसके अलावा आठ से अधिक विधायकों को सिद्धारमैया मंत्री मंडल में शामिल किया जा रहा है।

आर्श्चयजनक तथ्य यह रहा कि कर्नाटक की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी एकता दिखने की उम्मीद थी लेकिन यह नहीं हुआ। प्रमुख विपक्षी नेताओं में ममता बनर्जी, केसीआर,  अखिलेश यादव गए नहीं और केजरीवाल को कांग्रेस ने बुलाया नहीं।

 दरअसल कर्नाटक के इस समारोह को विपक्ष को एकजुट दिखाने के मंच के रूप में भी देखा जा रहा था। क्योंकि लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए विपक्ष का एक होना जरूरी है। एकता दर्शाना जरूरी है

 नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, मक्कल नीडि माईम के प्रमुख कमल हसन, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शामिल हुए।

वहीं, बिहार के उप मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी मौके पर नजर आए। हालांकि, समारोह में सोनिया गांधी उपस्थित नहीं हुईं।

 कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने खुद विपक्ष के कई नेताओं को शपथ समारोह में आने का न्यौता दिया था।

हालांकि, न्यौते के बाद भी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, नेशनल कांफ्रेस के नेता फारुक अब्दुल्ला, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, सीपीआई महासचिव डी राजा, सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी समारोह में शामिल नहीं हुए।

 

वहीं, कई नेताओं को बुलाया ही नहीं गया था, उनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के सीएम केसीआर, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी, ओडिशा के मुख्यमंत्री के अलावा बसपा चीफ मायावती और बीजद चीफ नवीन पटनायक शामिल हैं।

 

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को निमंत्रण न देने पर सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने कांग्रेस की आलोचना भी की। एलडीएफ के संयोजक ईपी जयराजन ने कहा था कि कांग्रेस के इस कदम ने साबित कर दिया है कि वह भाजपा के खिलाफ देश की धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों को एक साथ लाने के मिशन को पूरा नहीं कर सकती है।

 

 



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