शिवपुरी से संजीव पुरोहित।
मध्यप्रदेश के शिवपुरी से तलाक का एक अनोखा मामला सामने आ रहा है। इस मामले में पत्नि पति से इसलिए तलाक चाहती है क्योंकि वह थानेदार बन गई है और पति बेरोजगार है। जबकि दोनों उपनिरीक्षक की परीक्षा साथ में दी थी। पत्नि तो पास हो गई मगर पति पीछे रह गया। अब पत्नि इस बात को आधार बनाकर तलाक मांग रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 मई 2012 को गुना निवासी मंजू मखैनिया से शिवपुरी निवासी विनोद जाटव ने की शादी हुई थी। उसे क्या पता था कि दरोगा बनते ही वह उससे तलाक मांगने लगेगी। दुखी पति अब अपनी पत्नी को वापस अपने घर लाने के लिए पुलिस महकमे के आलाधिकारियों के यहां गुहार लगाता फिर रहा है।
शिवपुरी के अंबेडकर कॉलोनी निवासी विनोद जाटव के अनुसार उसका 1 मई 2012 को गुना के भुल्लनपुरा निवासी मंजू मखैनिया से विवाह हुआ था विवाह के बाद दोनों पति- पत्नी उप निरीक्षक की परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। तकरीबन आठ माह बाद मंजू ने उपनिरीक्षक की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली, लेकिन विनोद असफल रहा, बस यहीं से मंजू का व्यवहार बदलना शुरू हो गया।
पहले विनोद उससे मिलने गुना जाता रहा। कुछ दिनों तक सब ठीकठाक चला, लेकिन कुछ समय के बाद मंजू का रुख बदलता गया और वह विनोद से मुंह मोडऩे लगी। विनोद के अनुसार उसकी अशोकनगर में पदस्थापना हो गई और उसके बाद तो वह पूरी तरह बदल गई। मंजू के बदलते व्यवहार से विनोद परेशान हो गया उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। उसने मंजू को कई बार समझाने का प्रयास किया, लेकिन हर बार मंजू का यही कहना था कि अब उसे तलाक चाहिए।
विनोद यही भी बताता है कि अब तो वह ठेठ पुलिसिया अंदाज में उससे कहती है कि तलाक की तैयारी करा रही हूं चुपचाप आकर साइन कर जाना। विनोद के अनुसार उसकी मंजू से आखिरी मुलाकात जुलाई 2016 में गुना में आयोजित एक शादी समारोह में हुई थी जब वह अपने माता-पिता के साथ वहां गया था, लेकिन मंजू ने न तो उससे और न ही उसके माता-पिता बात की।
हर ओर से आस खो बैठे विनोद ने अब अशोकनगर के पुलिस कप्तान के यहां एक आवेदन देकर अपनी पत्नी की वापसी के लिए गुहार लगाई है। विनोद चाहता है कि किसी भी तरह उसकी पत्नी का उसको लेकर बदला व्यवहार ठीक हो जाए और उसे उसकी पत्नी वापस मिल जाए।
विनोद के पिता फितूरीलाल जाटव भी अपने पुत्र के घर में आए बिखराव से दुखी है उनका कहना था कि जब बहू उपनिरीक्षक की परीक्षा के लिए तैयारी कर रही थी मां करौली के दरबार में जाकर उसके चयन के लिए अर्जी लगाई थी और जब उसका चयन हुआ तो वह परिवार सहित फूले नहीं समाए थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि बहू के उप निरीक्षक बनते ही वह हमसे मुंह मोड़ लेगी।
ऐसा नहीं है कि मंजू मखैनिया का व्यवहार ससुरालीजनों के प्रति प्रारंभ से ही ऐसा रहा हो। विनोद के अनुसार उप निरीक्षक की परीक्षा में चयन होने के बाद वह लगातार ससुरालीजनों को अपनी सफलता के लिए दुआएं देती थी, वह हमेशा कहती थी उसके ससुरालीजनों की दुआ का असर है कि उसे सफलता मिली।
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