मल्हार मीडिया ब्यूरो।
महाराष्ट्र की राजनीति में जारी उठापटक के बीच विधानसभा के उपाध्यक्ष ने एकनाथ शिंदे गुट के 16 बागी शिवसेना विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी किया है।
इन विधायकों को 27 जून 2022 तक लिखित जवाब दाखिल करना है।
नोटिस में कहा गया है कि अगर विधायक जवाब नहीं देते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि आपके पास कहने के लिए कुछ नहीं है।
इसके बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई का फैसला लिया जाएगा।
ये सभी फिलहाल असम के गुवाहाटी में रैडिसन ब्लू होटल में ठहरे हुए हैं।
डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने शिवसेना के जिन 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी किया है उनमें एकनाथ शिंदे का नाम भी शामिल है। उन्हें सोमवार (27 जून 2022) की शाम साढ़े 5 बजे तक का समय दिया गया है।
गौरतलब है कि शिवसेना ने इन 16 बागियों की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। मुंबई के शिवसेना भवन में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा, “कुछ लोग मुझसे कुछ कहने के लिए कह रहे हैं लेकिन मैं पहले ही कह चुका हूं कि वे जो करना चाहते हैं कर सकते हैं, मैं उनके मामलों में दखल नहीं दूंगा। वे अपना फैसला खुद ले सकते हैं।”
बालासाहेब के नाम का इस्तेमाल नहीं: मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को भी बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। दरअसल, शिंदे समर्थक विधायकों ने अपने गुट का नाम ‘शिवसेना बालासाहेब’ रखा है।
जिसके बाद कांग्रेस नेता अशोक चौहान ने कहा है कि यह गुट अधिकृत नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक इसे स्पीकर से कानूनी अनुमति नहीं मिलती, तब तक इस तरह के समूहों को अधिकृत नहीं माना जाएगा।
शिवसेना के बागी विधायकों ने आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए सभी विधायकों की बैठक शनिवार दोपहर रेडिसन ब्लू होटल में बुलाई है। बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने भी डिप्टी स्पीकर को पत्र लिखा था जिसमें 38 विधायकों के हस्ताक्षर थे।
बागी गुट की ओर से डिप्टी स्पीकर को अविश्वास प्रस्ताव भी दिया था।
हालांकि, डिप्टी स्पीकर ने ये अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया था।
वहीं, दूसरी ओर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पार्टी के बागी विधायकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और खारघर में पार्टी कार्यालय के बाहर पुतला फूंका।
इससे पहले विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने एकनाथ शिंदे की जगह अजय चौधरी को सदन में शिवसेना विधायक दल का नेता नियुक्त करने को मंजूरी दी थी।
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