मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज विधानसभा में किसानों की धान खरीदी के मुद्दे को उठाया। वे अनुपूरक अनुदानों की मांगों पर चर्चा में बोल रहे थे।
श्री चौहान ने कहा कि किसानों को धान खरीदी का अभी का भुगतान नहीं हुआ है, कई जिलों में धान ज्यादा खरीद ली गई है। धान पर बोनस की घोषणा भी नहीं हुई। इसके अलावा सोयाबीन और मक्का का भावंतर भुगतान भी नहीं दिया गया है
उन्होंने कहा कि ओला और पाला की वजह से काफी फसल बर्बाद हुई है। सरकार किसानों को इसका मुआवजा दे। शिवराज सिंह ने दावा किया कि हमने खजाना खाली नहीं छोड़ा है। राजस्व सरप्लस था।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जवाब में कहा कि ओला और पाला से फसलें खराब हुई हैं। मुझे इसे मानने में कोई आपत्ति नहीं है। मैं खेतों के दौरे पर भी नहीं गया लेकिन खेतों पर जाकर सिर्फ फोटो खिंचवाने का कोई मतलब नहीं है। मैं जानकारी एकत्र कर रहा था। हमारे मंत्री और विधायकों ने भी फीडबैक दिया है।
खजाने की स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि आपके ही मंत्री ने खजाना खाली होने की बात कही थी।
कर्ज माफी को लेकर बार-बार सवाल उठाए जाने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि अगले 16 दिन में हम 2500000 किसानों को कर्ज माफी देंगे। उन्हें बैंकों से नोड्यूज के प्रमाण पत्र मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि कर्ज माफी का मतलब ही तभी होगा जब बैंक से उन्हें कर्ज माफी का प्रमाण मिल जाएगा और यह काम हम अगले 16 दिन में पूरा करेंगे।
इसके पहले सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई।
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