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चुनावी चटखारे: मोशा के जासूस, जनआर्शीवाद का बंटवारा, दमोह की दरार में मूकदर्शक कांग्रेस

राजनीति            Jul 07, 2023


कीर्ति राणा।

मोशाजी के जासूस भेज रहे हैं रिपोर्ट

मध्यप्रदेश के इंदौर शहर की विधानसभाओं में अल्पसमयदानी विस्तारकों ने 28 मंडलों में सात दिन तक भाजपा के विभिन्न कार्यकर्ताओं से चर्चा कर जो रिपोर्ट तैयार की है वो सीधे दिल्ली मोदी-शाह (मोशाजी) और नड्डा को भेज रहे हैं। इस गोपनीय सर्वे रिपोर्ट में इंदौर में अफसरशाही हावी होने, मगरूर अधिकारियों द्वारा पार्टी कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं देने के साथ ही यह बात लगभग हर विधानसभा में उभर कर आई है कि आम कार्यकर्ता पार्टी विधायकों से भी खुश नहीं हैं। उनकी नाराजी का सबसे बड़ा कारण है हर क्षेत्र में उन चुनिंदा कार्यकर्ताओं की ही पूछपरख होना जो विधायकों के नजदीकी हैं।

दमोह की दरार में मूकदर्शक कांग्रेस

दमोह में राशन दुकान सेल्समेन की हत्या के बाद पुलिस कार्रवाई से नाखुश केंद्रीय राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल द्वारा पुलिस सुरक्षा लौटाने की सार्वजनिक नाराजी के बाद अब जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ भी सांसद पटेल के खिलाफ बयानों के अंगारे उछाल रहे हैं। पटेल और मलैया समर्थकों में बढ़ती तनातनी और भाजपा के प्रदेश नेताओं की अनदेखी से विरोध की दरार गहरी हो रही है। कांग्रेस नेता मूकदर्शक होकर तमाशा देख रहे हैं।

जन आशीर्वाद का बंटवारा

पिछले चुनाव में तो अकेले शिवराज सिंह ही जन आशीर्वाद यात्रा पर निकले थे।इस बार उनकी यात्रा को अन्य नेताओं में बांट दिया है।ग्वालियर-चंबल संभाग में सिंधिया-तोमर एक साथ करेंगे यात्रा, मालवा में विजयवर्गीय को उपयुक्त माना गया है।वीडी शर्मा बुंदेलखंड में घूमेंगे।इस बंटवारे के अंदरूनी कारण तो कई हैं लेकिन फिलहाल यह मान लें कि कार्यकर्ताओं को यह संदेश देना है कि ग्वालियर में यदि सिंधिया-तोमर के बीज मनमुटाव नहीं है तो बुंदेखंड में वीडी शर्मा को ही प्रभावी माना जा रहा है। मालवा में कैलाश विजयवर्गीय को शिवराज आज भी दमदार हैं मानते हैं भले ही दोनों में पटरी ना बैठने की कितनी भी बातें कही जाए। इस बार जन आशीर्वाद यात्रा में शिवराज का दायरा कम करने के बाद भी वे जहां जरूरी होगा उस क्षेत्र में पहुंचेंगे, केंद्र के नेता भी आ सकते हैं।

 

 


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