मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक जीतू पटवारी के निलंबन के बाद कांग्रेस एकजुटता का दावा तो कर रही है मगर अविश्वास प्रस्ताव पर ही कांग्रेस के पूरे विधायकों ने हस्ताक्षर नहीं किए। यहां तक कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ही प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं
कांग्रेस की एक जुटता पर सवाल पूछे जाने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया को जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस एकजुट नहीं है।
यह जीतू पटवारी के निलंबन पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के मौन , विधानसभा अध्यक्ष के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर कमलनाथ और आधे विधायकों के हस्ताक्षर नहीं करने से स्पष्ट हो गया है।
एक अविश्वास प्रस्ताव पहले भी आया था तब भी कमलनाथ अनुपस्थित हैं। जब अविश्वास जैसे महत्वपूण विषयों पर वह उपस्थित नहीं रहते तो इससे पता चलता है कांग्रेस कैसी एकजुट है।
नेता प्रतिपक्ष विधायकों को बुला-बुलाकर साईन करवा रहे थे उनकी बड़ी दयनीय स्थिती थी।
डॉ मिश्रा ने कहा कि अरूण यादव अजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा इस बात का सबूत है कि कांग्रेस में अंतर्कलह है।
दूसरा मुद्दा विधानसभा में दिए गए आईपैड वापसी का है। अब तक तीन कांग्रेसी विधायक आईपैड वापस कर चुके हैं। सूत्रों की मानें तो इस मामले पर भी कांग्रेस विधायकों में नाराजगी है और वे इसका विरोध कर रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के विधायकों में टेबलेट वापस करने के निर्णय से भारी असंतोष है।
भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा के ट्विट के अनुसार कोई भी कांग्रेस विधायक टैबलेट वापस नहीं करना चाहता है।
सब आधुनिकता के इस दौर में कंप्यूटर- टेबलेट से जुड़ना चाहते हैं और टेबलेट दिये जाने के निर्णय की सराहना कर रहे हैं।
लेकिन कमलनाथ जी व गोविन्द सिंह जी के टेबलेट वापस देने के निर्णय से असमंजस में है कि वो अब क्या निर्णय ले क्योकि उन पर भी टैबलेट वापस लौटाने का दबाव बनाया जा रहा है।
बहरहाल अभी तो लग यह रहा है कि विधायक जीतू पटवारी के निलंबन का मुद्दा फिलहाल पीछे धकेल दिया गया है। आईपैड वापसी पर ज्यादा राजनीति हो रही है।
उधर विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा लगातार अविश्वास प्रस्ताव पर पूरे विधायकों को हस्ताक्षर न होने और कमलनाथ के अनुपस्थित रहने पर लगातार कांग्रेस की एकजुटता पर सवाल उठा रहे हैं।
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