मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र पूर्व मंत्री दीपक जोशी अपने फैसले पर अडिग हैं और वे 6 मई को कांग्रेस ज्वाईन करेंगे।
हालांकि अभी तक उन्हे मनाने के तमाम प्रयास किए जा रहे थे लेकिन दीपक जोशी ने साफ कर दिया कि वह अब किसी भी कीमत पर अपना फैसला नहीं बदलेगें।
छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहने वाले दीपक ने बीजेपी युवा मोर्चा में काम किया, राजनीति में लंबा सफर तय करने वाले दीपक विधानसभा सदस्य भी बने, दीपक का आरोप है कि पार्टी अब दिशाहीन हो गई है।
मेरे पिता जी के स्मारक के लिए मुझे गुहार लगानी पड़ी। पिता जी के स्मारक और उनकी विरासत को मैं जब सहेज नहीं पा रहा तो इस पार्टी में रहने का क्या फायदा? इसलिए मैंने यह फैसला लिया।
मीडियाकर्मियों से चर्चा करते हुए दीपक जोशी ने कहा कि ईमानदारी पर चोट बर्दाश्त नहीं कर सकता। जो कार्यकर्ता 50-60 सालों से बीजेपी में हैं, उनकी बजाय अब बाहरी लोगों को तवज्जों दी जा रही है, यह ठीक नहीं है।
दीपक जोशी ने कहा, 'भाजपाइयों की उपेक्षा हो रही है। बार-बार जो गलत हुआ उसके संबंध में पार्टी और संगठन को बताया गया, लेकिन हर बार अनदेखी की गई।
अब सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकता। कार्यकर्ता और बागली क्षेत्र की जनता से सलाह-मश्विरा किया है। सभी की यही इच्छा है कि कांग्रेस में जाना है, इसलिए जा रहा हूं।'
गौरतलब है कि पूर्व विधायक दीपक जोशी ने एक दिन पहले ही कांग्रेस में जाने के संकेत दिए थे। तो वहीं पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भी इशारों-इशारों में कहा था कि निर्णय दीपक जोशी को ही करना है।
कांग्रेस में जाने से पहले पूर्व मंत्री एक दिन पहले राजधानी भोपाल से अपने विधानसभा क्षेत्र बागली पहुंचे, जहां कार्यकर्ताओं से चर्चा की उनकी राय ली। कार्यकर्ताओं से मिली हरी झंडी के बाद ही दीपक जोशी 6 मई को कांग्रेस का दामन थामेंगे।
गौरतलब है कि बागली विधानसभा क्षेत्र बीजेपी का गढ़ है। यहां से साल 1962 में पहली बार कैलाश चंद्र जोशी भारतीय जनसंघ से विधायक चुने गए, इसके बाद 1967-1972 में भी जनसंघ से कैलाश जोशी विधायक बने।
1977 में जनता पार्टी से कैलाश जोशी विधायक बने, इसके बाद साल 1980, 1985, 1990 और 1993 में भी कैलाश जोशी भारतीय जनता पार्टी की और से विधायक चुने गए।
इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी बीजेपी से विधायक चुने गए। वह एमपी मंत्रीमंडल में शिक्षा मंत्री भी रहे, लेकिन साल 2018 में वह चुनाव हार गए थे।
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