चारा घोटाला :इन तथ्यों को जानिए और अंतरात्मा की आवाज सुनिए

राजनीति            Dec 24, 2017


संजय कुमार सिंह।
वैसे तो मैं नहीं मानता कि अदालती कार्रवाई में कोई पक्षपात संभव है और इन तथ्यों का कोई मतलब। पर तथ्य हैं कई बार इनका उल्लेख बिना संदर्भ किया जाता है और कई बार संदर्भ के साथ।

विजय कुमार मिश्र जनता दल यूनाइटेड से बिहार विधान परिषद में नामांकित सदस्य हैं। आप कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र के बेटे हैं। ललित नारायण मिश्र की 1975 में रेल मंत्री रहते हुए बिहार के समस्तीपुर में एक बम विस्फोट में मौत हो गई थी। विस्फोट हत्या के लिए ही किया गया था।

बड़े भाई के निधन के बाद छोटे भाई डॉ. जगन्नाथ मिश्र बिहार के राजनीतिक क्षितज पर उभरे। कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री रहे और लालू यादव के बिहार में उभरने से पहले बिहार के राजनीतिक क्षितिज पर छाए रहे। विजय कुमार मिश्र ऐसे पूर्व कांग्रेस नेता के पुत्र और भतीजे हैं। लेकिन भाजपा में हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं।

डॉ. जगन्नाथ मिश्र के भी बेटे राजनीति में हैं। नाम नीतीश मिश्र है। संयोग से, नीतीश मिश्र भी भाजपा नेता हैं और अपने पिता की झंझारपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। 2005 से 2015 तक बिहार सरकार में (तीन बार) मंत्री रह चुके हैं। आखिरी बार 22 फरवरी 2015 तक मंत्री थे। दोनों भाई, अंग्रेजी में कजिन्स, विजय और नीतिश कांग्रेस की राजनीतिक विरासत के शहजादे या शाहजादे नहीं हैं। भाजपा वंशवाद की राजनीति का विरोध करती है फिर भी बेचारे भाजपा में दिन काट रहे हैं। आखिर क्यों?

जवाब तो मालूम नहीं है पर यह संयोग है कि चारा घोटाले में जगन्नाथ मिश्र बच गए और लालू यादव को जेल हो गई। लालू यादव के अपने तेवर और उनके बेटे तेज प्रताप के बयानों को याद कीजिए। न याद आए तो अंतरात्मा की आवाज सुनिए।

 


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