मल्हार मीडिया भोपाल।
मंदसौर गोलीकांड मामले का विधानसभा में जवाब देना गृहमंत्री बाला बच्चन को महंगा पड़ा। पहले यूटर्न लेने के बाद उन्हें फिर यूटर्न लेना पड़ा।
उन्होंने कहा कि मंदसौर गोली कांड की जांच रिपोर्ट का परीक्षण कराएंगे अगर इस रिपोर्ट से सरकार संतुष्ट नहीं होती है तो उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। गृह मंत्री ने कहा हमने किसी को कोई क्लीन चिट नहीं दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गृहमंत्री द्वारा विधानसभा में दिए गए उनके जवाब पर सवाल उठाए थे।
दरअसल सोमवार को विधानसभा में लिखित सवाल के जवाब में श्री बच्चन ने कहा कि मंदसौर में किसानों पर गोली कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए आत्मरक्षा में चलाई गई थी।
विधायक हर्ष विजय गेहलोत के सवाल के जवाब में बाला बच्चन ने कहा कि मंदसौर के पिपलिया मंडी थाना में 6 जून 2017 को हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आत्मरक्षा और सरकारी व निजी संपत्ति की सुरक्षा के लिए गोली चलाई गई थी।
उन्होंने कहा मामले की जांच कर रहे आयोग की रिपोर्ट पर सरकार परीक्षण कर रही है और इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। बाला बच्चन ने कहा कि संपत्तियों की रक्षा के लिए तत्कालीन एसडीएम मल्हारगढ़ श्रवण भंडारी ने कानूनी प्रक्रिया का पालन कर गोली चलाने का आदेश दिया था।
ज्ञातव्य है कि मंदसौर गोलीकांड के वक्त कांग्रेस प्रदेश में विपक्ष में थी। गोलीकांड की पहली बरसी पर मंदसौर में हुई सभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था, 'प्रदेश की सरकार ने किसानों पर आक्रमण किया, गोली चलाई, किसानों को मारा।" मंदसौर गोलीकांड के बाद कांग्रेस ने पूरे देश में इसे मुद्दा बनाया था।
इसी प्रकार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस नेताओं ने बार-बार सिंहस्थ घोटाले का मुद्दा उठाया और सरकार में आने पर जांच की बात कही थी। यहां तक कि विपक्ष में रहते हुए भी कांग्रेस ने विधायकों की एक जांच कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने भी सिंहस्थ में कई घोटाले गिनाए थे।
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