हेमंत पाल।
मध्यप्रदेश के झाबुआ के भाजपा जिलाध्यक्ष मनोहर सेठिया ने गुरूवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जबकि, असलियत ये है कि उनसे इस्तीफ़ा लिया गया है। उनको हटाए जाने के बाद जिले की राजनीतिक हड़कंप मच गया। क्योंकि, 6 अक्टूबर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह झाबुआ आ रहे हैं। सेठिया का इस्तीफा लेने और उसे मंजूर करने से पहले नए जिला अध्यक्ष की घोषणा से सेठिया समर्थक कई पदाधिकारियों ने भी इस्तीफे दे दिए।
झाबुआ के जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया ने गुरुवार को संभागीय कार्यालय इंदौर पहुंचकर प्रदेश अध्यक्ष के नाम अपना इस्तीफा सौपा। उनसे इस्तीफ़ा लिए जाने का मुख्य वजह सोशल मीडिया पर वाइरल हुए कुछ आपत्तिजनक फोटो हैं, जो भाजपा की चाल, चरित्र और चेहरे से मेल नहीं खाते। उन्हें छह महीने पहले ही अध्यक्ष बनाया गया था।
उनसे वक्त इस्तीफा दिया गया, जब एक दिन बाद ही 6 अक्टूबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का जिले मे दौरा है। विधानसभा चुनाव से पहले सेठिया द्वारा इस्तीफा देने से कई सवाल खड़े हुए हैं।
क्योंकि, पूरी घटना नाटकीय ढंग से हुई। सेठिया के इस्तीफे को स्वीकार करने की घोषणा भी नहीं हुई थी कि कुछ ही घंटो के भीतर ओमप्रकाश शर्मा को जिला अध्यक्ष बनाए जाने कि जानकारी भी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर ने देर रात मीडिया को दी। इसके बाद तो नाराज पार्टी पदाधिकारियों ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया।
इस्तीफे के बाद सेठिया ने बताया कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है। पिछले दो माह से अधिक कार्य करने के कारण स्वास्थ पर प्रतिकूल असर पडा है। भाजपा के प्रति उनकी निष्ठा है ओर वे पार्टी मे कार्यकर्ता बनकर काम करेंगे। जबकि, सुराना एवं सकलेचा का कहना है कि पार्टी ने बिना विचार विमर्श किए नया जिलाध्यक्ष थोप दिया, जिसे हम स्वीकार नहीं करते। हम अपने पद से इस्तीफा दे रहे है ओर सामान्य कार्यकर्ता के रूप मे काम करेंगे।
इस्तीफो की झड़ी
नवनियुक्त भाजपा जिला अध्यक्ष ने अभी पद संभाला भी नहीं था कि जिले मे बगावत के बिगुल बज गए। शर्मा स्वीकार नहीं है, इस बात को लेकर भाजपा पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए। दूसरी और नवनियुक्त अध्यक्ष को बधाईया दी जा रही थी।
जिला महामंत्री प्रवीण सुराना, जिला उपाध्यक्ष कमलेश दातला, अल्पसंख्यक जिला अध्यक्ष जुनेद खान, अल्पसंख्यक मोर्चा नगर मंडल अध्यक्ष ईमरान खान (थांदला) नगर मंडल अध्यक्ष दिपेश बबलू सकलेचा, नगर कोषाध्यक्ष पूर्वेश कटारिया, पिछडा वर्ग मोर्चा जिला अध्यक्ष मुकेश मेहता, अल्पसंख्यक कार्यसमिति सदस्य इरशाद कुरेशी, सौरभ जायसवाल जिला संयोजक आईटी सेल, सहित एक दर्जन से अधिक पदाधिकारियों ने फेस बुक पर अपने इस्तीफे पोस्ट कर दिए। अभी और भी इस्तीफे दिए जा सकते है। दूसरी ओर नवनियुक्त जिलाध्यक्ष के समर्थकों मे खुशी की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया फेसबुक-वाटसअप पर उनके समर्थकों ने धडल्ले से बधाई देना शुरू कर दी।
शायद दौरा न हो
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष 6 अक्टूबर को एक दिवसीय प्रवास पर अनुसूचित जनजातीय मोर्चा के सम्मेलन कों संबोधित करने आ रहे है। जिले मे अचानक राजनीति अस्थिरता के कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का दौरा निरस्त होने की संभावना भी बन सकती है। क्योंकि, जिस तरह से यह पूरा घटनाक्रम चल रहा है, उसके बाद आयोजन में बाधा आना स्वाभाविक है। पार्टी के एक निर्णय के कारण जो पदाधिकारी इस्ताफा दे रहे है, वे अमित शाह के कार्यक्रम से भी दूरियां बनाएंगे।
कांग्रेस का विरोध सड़क पर
झाबुआ की जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया ने कहा कि भाजपा के नेता अपने चाल चरित्र और चेहरे को उजागर कर रहे है। वे भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया को हटाए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही थी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में शराब माफिया, भू-माफिया ,रेत माफिया और दलाल सक्रिय रूप से भ्रष्टाचार कर रहे है। प्रशासन पूरी तरह पंगु बना हुआ है।
कांग्रेस नेता कलावती भूरिया ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने 'बेटी पढाओ-बेटी बचाओ' का नारा दिया। किन्तु भाजपा के नेता ही बेटियों को अपना शिकार बना रहे हैं। उनकी कथनी और करनी में बहुत अंतर है।
भूरिया ने आरोप लगाया है कि इस प्रकार घटनाओं से झाबुआ जिले की महिलाओं में भय व्याप्त है। भूरिया ने यह भी कहा कि जिले की महिलाओं से अपील की है वे भाजपा के बहकावे में नहीं आएं।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे को लेकर सवाल करते हुए कहा कि क्या भाजपा का यही चरित्र है, जिसका वे अपने भाषणों में हमेशा गुणगान करते फिर रहे है! भूरिया ने शाह को चेतावनी देते हुए कहा कि अपना झाबुआ दौरा रद्द कर लें, अन्यथा कांग्रेस की महिलाएं उन्हें चूडी भेंटकर उनका विरोध करेगी।
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