मल्हार मीडिया भोपाल।
गले मिलना पड़े और स्वस्फूर्त गले मिलने में फर्क होता है। जब बात मध्यप्रदेश कांग्रेस के दिग्गज और वरिष्ठ नेताओं की हो तो यह अंतर और साफ दिखाई दे जाता है।
चुनावी हलचल तेज होते ही कई भागों में बंटी कांग्रेस के नेता अचानक गलबहियां करते,मंच पर हाथ से हाथ मिलाकर खड़े दिख जाएंगे। पर यह सब चुनावों तक ही रहता है।
आपसी तल्खियों का आलम यह है कि प्रदेश के दोनों पूर्व मुख्यमंत्री सार्वजनिक मंच से एक-दूसरे पर चुटीले अंदाज में तंज कसते नजर आते हैं।
ताजा मामला एक प्रेसवार्ता का हैृ, जिसमें प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह पर खुलेआम तंज कसा।
कमलनाथ ने कहा कि मैं बहुत दुखी था कि दिग्विजय सिंह ने भारत जोड़ो यात्रा के नाम पर लंबे समय बाद मध्यप्रदेश में शक्ल दिखाई है।
कमलनाथ ने बकायदा यह कहते हुए बात शुरू की कि वे ऑन रिकॉर्ड यह बात कह रहे हैं।
दिग्विजय इसे चुपचाप सुनते रहे।
विधानसभा चुनाव 2018 तक कांग्रेस तीन प्रमुख गुट माने जाते थे सिंधिया गुट, दिग्विजय गुट और कमलनाथ। इनके अलावा दो अन्य गुट अरूण यादव और अजय सिंह के गुट थे।
लेकिन आज साफतौर पर कांग्रेस मात्र दो गुटों में बंटी दिखती है कमलनाथ और दिग्विजय गुट।
गाहे-बगाहे ये दोनों ही नेता एक-दूसरे पर तंज कसते और कई बार प्रदर्शन आदि के दौरान एक दूसरे के अपोजिट ही नजर आए न कि साथ में।
इनकी इन तल्खियों से कांग्रेस हाईकमान भी भली-भांति वाकिफ है, शायद इसीलिए राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इन दोनों को गले मिलवाया था।
सवाल यह है कि क्या दिग्विजय सिंह की बढ़ती सक्रियता कमलनाथ की चिंता बढ़ा रही है?
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