बीना में कमलनाथ का नया खुलासा, बोले चाहता तो सौदे की सरकार बना लेता

राजनीति            Apr 20, 2023


 

मल्हार मीडिया ब्यूरो।

मध्यप्रदेश में 15 दिन चली कांग्रेस सरकार जाने का मुद्दा सदाबहार राजनीतिक बयानबाजी के लिए भरपूर मसाला उपलब्ध करवाता रहता है।

आज गुरूवार 20 अप्रैल को सागर जिले के बीना में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मीडिया से बातचीत के दौरान एक नया ही खुलासा कर दिया।

कमलनाथ के कहा, ' मेरे पास विधायक आते थे, बताते थे कि इतना पैसा मिल गया है। लेकिन में सौदे की सरकार बनाना नहीं चाहता था, मैं उस समय मुख्यमंत्री था।

चाहता तो विधायकों से सौदेबाजी कर लेता, लेकिन मैंने सौदा नहीं किया। मैंने विधायकों से कहा कि जैसा आप चाहें वैसा करें, खुश रहें।

मीडिया ने कमलनाथ से पूछा कि अब अगर सरकार बनती है तो क्या शपथ-पत्र भरवाएंगे? इस पर कमलनाथ ने जवाब दिया कि मैं शपथ-पत्र में विश्वास नहीं करता हूं, सब अपनी भावनाओं से काम करते हैं। मुझे जीत कर आने वाले अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है।

उन्होंने कहा कि पिछले 18 वर्षों में भाजपा के शासनकाल में प्रदेश की तस्वीर सबके सामने है, बीजेपी ने मध्यप्रदेश को अंदर से खोखला कर दिया है।

खोखली अर्थव्यवस्था, खोखली शिक्षा व्यवस्था, खोखली स्वास्थ्य व्यवस्था, खोखली रोजगार व्यवस्था बनी हुई है और सीएम शिवराज सिंह चौहान घोषणावीर बने हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में ओलावृष्टि हुई थी, शिवराजजी ने मुआवजे की बात की थी, अब तक किसानों को एक पैसा नहीं मिला।

उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान बीना में 88 करोड़ का अस्पताल बनाया गया , मैं पूछना चाहता हूं कि 88 करोड़ के अस्पताल में कितने लोगों का इलाज हुआ ? आखिर यह अस्पताल गया कहां ?

 बीना को जिला बनाने के मुद्दे पर कमलनाथ  बोले कि  शिवराज सिंह ने 15 साल में बीना को जिला बनाने की तीन बार घोषणा की है, लेकिन अब तक उनकी घोषणा का कोई अता पता नहीं। वे तो घोषणा मशीन हैं और साथ ही झूठ बोलने की मशीन हैं. मैं घोषणाओं की राजनीति में विश्वास नहीं करता, यदि कांग्रेस की सरकार बनती है और यहां के लोग चाहेंगे तो बीना अवश्य जिला बनेगा।

वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे  के कांग्रेस छोड़ने पर उन्होंने कहा कि मीडिया के बंधु वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुणोदय चौबे से एक बार पूछें कि अरुणोदय चौबे को क्यों घर बैठना पड़ रहा है ? किस प्रकार से उन पर दबाव बनाया गया किस प्रकार से केस लादे गए? यह सिर्फ अरुणोदय चौबे की बात नहीं है, छोटे से बड़े कांग्रेस कार्यकर्ताओं के ऊपर किस प्रकार से राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है और उन्हें परेशान किया जा रहा है ?

 



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