मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की पर्वतारोही मेघा परमार को महिला एवम बाल विकास विभाग ने 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान के ब्रांड एंबेसडर पद से हटा दिया है।
गौरतलब है कि मेघा के कांग्रेस में शामिल होने के दूसरे दिन शिवराज सरकार ने यह कदम उठाया है।
संचालनालय, महिला एवं बाल विकास ने जारी आदेश में लिखा कि संचालनालय म्.बा.वि के पत्र क. 191 दिनांक 10.03.2021 द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनांतर्गत ब्रांड एम्बेसडर / जेंडर चैम्पियंस के दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
बताया जा रहा है कि इससे पूर्व जो भी ब्रांड एम्बेसडर / जेंडर चैम्पियंस बनाये गये हैं, उन्हें उनके कार्य दायित्व से तत्काल विमुक्त किया जाता है।
इसी क्रम में विभाग द्वारा बनाये गये ब्रांड एम्बेसडर कु. मेघा परमार को इस दायित्व से विमुक्त किया जाता है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा ।
उधर पर्वतारोही मेघा परमार ने अपने आफिशियल ट्वीटर हैंडल पर पूर्व ब्रांड एम्बेसडर लिख लिया है।
गौरतलब है कि 9 मई को मेघा परमार को पीसीसी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के परासिया में 'नारी सम्मान योजना' से जुड़े कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस की सदस्यता दिलाई थी।
कार्यक्रम में कमलनाथ, उनके बेटे सांसद नकूल नाथ और पत्नी शामिल रहीं. इसी कार्यक्रम में पर्वतारोही मेघा परमार ने राजनीति में कदम रखते हुए कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की ।
दुनिया की सबसे ऊंची चोंटी एवरेस्ट को फतह करने वाली मेघा परमार एमपी की पहली महिला है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के गृह जिले सीहोर के इछावर की रहने वाली है।
मेघा परमार ने माउंट एवरेस्ट के अलावा पांच अन्य देशों की सबसे ऊंची चोटियों पर भी फतह हासिल की है. इसके साथ ही समुद्र में स्कूबा डाइविंग में विश्व रिकॉर्ड भी उन्होंने बनाया है।
उनको मध्य प्रदेश सरकार ने 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान ब्रांड एंबेसडर बनाया था।
इस अभियान की ब्रैंड एम्बेसेडर होने के चलते मेघा पूरे मध्य प्रदेश में लगातार सक्रिय रहीं हैं।
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