मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को इमरजेंसी का एक्सीडेंटल नेता कहा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जहां विधायक जनता चुनकर भेजती है।
विधायकों के बारे में कमलनाथ जी का अहंकार बोलता है। जिनकी निगाह में राहुल गांधी की कीमत नहीं है।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के विधायकों को लेकर दिये बयान पर सियासत भी गरमाने लगी है।
मंगलवार को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें एक्सीडेंटल नेता बता दिया। इस पर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने पलटवार किया है।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ इमरजेंसी के एक्सीडेंटल नेता है। लोकतंत्र में जहां विधायक जनता चुनकर भेजती है। विधायकों के बारे में कमलनाथ जी का अहंकार बोलता है।
जिनकी निगाह में राहुल गांधी की कीमत नहीं है। वह विधायकों की कीमत क्या जानेंगे। विधायकों को यह कहना कि उनकी कोई कीमत नहीं है।
यह जनता का अपमान है। उन्होंने कांग्रेस की बैठक को लेकर कहा कि कांग्रेसी जबानी जमा खर्च के अलावा सिर्फ बैठक ही कर सकते हैं।
कमलनाथ को एक्सीडेंटल नेता बताने पर नेताप्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि जो 40 साल से सांसद और विधायक है वो एक्सीडेंटल कैसे हो सकते है।
एक्सीडेंटल नेता कोई एक बार बन सकता है। कमलनाथ अंतरराष्ट्रीय स्तर के नेता है। नरोत्तम मिश्रा में दृष्टि है, उनको सही चीजें दिख नहीं रही।
गोरतलब है कि कमलनाथ ने एक दिन पहले कहा था कि बीजेपी के कई विधायक उनके संपर्क में है, लेकिन विधायकों की कोई कीमत नहीं। इसपर पलटवार करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि ये उनका अहंकार बोल रहा है।
उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी इमरजेंसी के एक्सीडेंट से निकले हैं, इसलिए लोकतंत्र के मंदिर जहां जनता चुनकर विधायकों को भेजती है यह उस जनता का अपमान है। कोई कीमत नहीं है..ये कहकर कमलनाथ जी जनता जनार्दन का अपमान कर रहे हैं।
लाडली बहना योजना के बारे में गृहमंत्री ने कहा कि ये बहुत ही अच्छी योजना है और अभी तक 47 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। माना जा रहा है कि आज दोपहर तक यह आंकड़ा 50 लाख को पार कर जाएगा और आने वाले दिनों में इस योजना के बहुत अच्छे परिणाम सामने आएंगे।
कमलनाथ के विधानसभा चुनाव में 3 महीने पहले विधायकों को टिकट देने की बात पर गृह मंत्री ने कहा कि कमलनाथ जी ने विधायकों की बैठक आयोजित की है और 70 से अधिक सीटों पर 6 महीने पहले ही उम्मीदवार घोषित करने की बात कही है।
लेकिन वो सिर्फ बैठक ही कर सकते हैं, और कुछ नहीं। इनकी बाकी की बैठकों का जो हश्र हुआ, वही इसका भी होगा। पंडोखर सरकार को मिली धमकी को लेकर उन्होने कहा कि महाराज जी की पूरी चिंता है और पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।
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