राघवेंद्र सिंह।
पिछले चुनाव में मध्य प्रदेश के सभी 16 नगर निगम जीतने वाली भाजपा सात नगर निगम हार गई है।
भाजपा से कांग्रेस ग्वालियर,जबलपुर, छिंदवाड़ा रीवा, कटनी, बुराहानपुर और सिंगरौली में आम आदमी पार्टी जीत गई है। दूसरे चरण में पांच नगर निगम के वोटों की गिनती 20 जुलाई को होगी।
भाजपा में आत्ममंथन और कांग्रेस में उत्साह का माहौल है।
"गढ़ आला पण सिंह गेला" हिंदू साम्राज्य के मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज के समय यह कहावत जनमानस में खूब प्रचलित थी। गढ़ तो जीते पर शेर खो दिया।
इसके मायने आरएसएस के मराठी संस्कारों में पगी भाजपा के कार्यकर्ताओं से बेहतर कौन जान सकता है।
मप्र में नगर निगम चुनाव के परिणामों पर इसका जिक्र करना मौजूं लगा।
कोंढ़ाणा के गढ़ को मुगलों से जीतने की जिम्मेदारी शिवाजी महाराज ने अपने सबसे वीर सरदार तानाजी को सौंपी थी।
यह तब की बात है जब तानाजी अपने बेटे के विवाह का आमंत्रण देने के लिए उनके पास आए थे।
बाद में पिछले वर्ष तानाजी पर एक ऐतिहासिक फ़िल्म भी बनी है। तानाजी ने दिनरात के जबरदस्त छापा मार हमले कर लड़ाई जीती थी।
सुबह होते-होते तानाजी ने जांबाजों की टोली के साथ किले पर केसरिया ध्वज फहरा दिया।
तानाजी के प्राणों की आहुति के साथ मिली इस विजय की सूचना छत्रपति शिवाजी को यह कहते हुए दी गई कि-
'गढ़ जिंकला पण सिंह गेला' भाजपा के लिए यह थोड़ी राहत की बात है कि भोपाल से मालती राय और इंदौर से पुष्यमित्र भार्गव चुनाव जीत गए हैं। उज्जैन व बुराहनपुर में भी भाजपा हारते—हारते बच गई।
ग्वालियर शिकस्त के संदर्भ में प्रदेश भाजपा के मंत्री रहे ग्वालियर के राज चड्डा की "सांची कहौं" में व्यक्त तेजाबी टिप्पणी को भी साझा कर रहे हैं।
इससे हालात को समझने में और जगने-जगाने में आसानी होगी। बशर्ते कोई जागते हुए न सो रहा हो।
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