मल्हार मीडिया ब्यूरो।
विधानसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर पार्टियों में फेरबदल जारी है। रोजाना नेता एक पार्टी छोड़कर दूसरी में शामिल हो रहे हैं। पर इस बार मामला कुछ अलग है।
जी हां इस बार एक न्यायमूर्ति ने अपना पद त्याग कर बीजेपी ज्वांइन की है। दमोह के पूर्व न्यायाधीश प्रकाश भाऊ उइके ने बीजेपी का दामन थामा है. वे छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्ना तहसील के रहने वाले हैं।
सागर संभाग के दमोह में न्यायाधीश प्रकाश उईके ने अपने पद से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है, जो राजनीति के क्षेत्र में खासकर बीजेपी के लिए एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
अपना पद छोड़कर बीजेपी का दामन छोड़ने के पीछे उन्होंने क्या बजह बताई आइए जानते हैं।
गौरतलब है कि दमोह न्यायाधीश रहे हैं प्रकाश भाऊ उइके जो अब तक लोगों को न्याय दिलाते हुए कोर्ट में फैसला सुनाते आए हैं अब वे एक पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर नजर आएंगे।
उइके ने अपने पद से त्याग पत्र देकर बीजेपी का दामन थाम लिया है। उनके अलावा सोहन सिंह वनवासी भी बीजेपी में शामिल हुए हैं। आपको बता दें सोहन सिंह कल्याण परिषद के अध्यक्ष भी हैं।
पूर्व न्यायाधीश प्रकाश उईके बंसल न्यूज को बताया कि राजनीति में सेवा करने के पर्याप्त अवसर हैं इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ी है। साथ ही उनका मानना है कि भाजपा एक अच्छी सोच रखती है जो आदिवासी के साथ-साथ सभी वर्गों के बारे में सोचती है।
तभी तो आदिवासी वर्ग से महिला को राष्ट्रपति के पद पर बिठाया है। आपको बता दें उइके को पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने सदस्यता दिलाई है। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी भी मौजूद रहे हैं। ।
 
                   
                   
             
	               
	               
	               
	               
	              
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