बबन पांडे।
महाराष्ट्र से लेकर मध्यप्रदेश तक और उत्तरप्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ तक झारखंड से राजस्थान तक लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों ने या तो जमीनी कार्यकर्ता को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया या फिर बिल्कुल ही लो प्रोफाईल के व्यक्ति को। जैसे बिहार में लालू यादव की पार्टी ने कपड़े प्रेस करने वाली महिला को विधान परिषद का टिकट दिया है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शब्दों पर गौर करें अगर जो उन्होंने राज्यसभा उम्मीदवार सुमित्रा बाल्मीक के बारे में कही कि उनका फार्म भरना आसान था उनके पास कुछ है ही नहीं। तो ज्यादातर पार्टियों ने इस बार ऐसे ही उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। लेकिन कांग्रेस अपने सेट पैटर्न से बाहर नहीं आ पाई। कांग्रेस के ही पूर्वी चंपारण मोतिहारी के प्रवक्ता एवं जिला उपाध्यक्ष बबन पांडे ने इस हकीकत को सोशल मीडिया पर लिख डाला है कि सारी पार्टियां बदल गईं हैं मगर कांग्रेस ने कसम खा ली है कि जो गांधी परिवार चाहेगा वही होगा। पूरी बात पढ़िए इस लिंक में
कुछ भी कहिए लेकिन हेमंत सोरेन ने सरकार, महागठबंधन और धमकियों को परे रखकर राज्य सभा के लिए एक महिला, साहित्यकार और झारखंडी का चयन किया है जो तारीफ के काबिल है।
कांग्रेस 18 सीटों के बल पर राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने की आशा कर रही थी, ये भी अतिआत्मविश्वास का प्रतीक है।
नीतीश कुमार भी बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने अपने सबसे करीबी आर सी पी सिंह का टिकट काट कर खीरू महतो को राज्यसभा सदस्य बनाने का निर्णय लिया।
लालू यादव ने जमीन पर बैठकर आयरन प्रेस करने वाली महिला सहित 4 ज़मीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया है।
ये सभी स्थानीय हैं, इन में से कोई भी धनपशु नहीं है। यहां तक कि शिवसेना ने भी अपने एक कार्यकर्ता को टिकट दिया है जबकि हर बार राज्यसभा की सीट किसी उद्योगपति को बेच दिया जाता था।
भाजपा ने भी निर्मला सीतारमण को छोड़कर सारे स्थानीय उम्मीदवार घोषित किए हैं। निर्मला जी तमिलनाडु से जीत नहीं सकती थीं इसलिए उन्हें दूसरे राज्य से भेजा जाएगा।
दूसरे भाजपा ने क्लीयर कर दिया है कि वह हिंदुओं की पार्टी है, यहां तक कि उसने अपनी पार्टी के बड़े मुस्लिम चेहरे मुख्तार अब्बास नकवी को भी टिकट नहीं दिया है।
अब कांग्रेस की स्थिति देखिए
छत्तीसगढ़ से राजीव शुक्ला? राजीव शुक्ला की क्या उपलब्धि है? वह क्रिकेट डिप्लोमैसी करते हैं और कहा जा रहा है कि अमित शाह के बेटे जय शाह के माध्यम से उन्होंने वाड्रा पर होने वाली कार्रवाई रूकवा दी है बस इसी का इनाम है।
महाराष्ट्र से इमरान प्रतापगढ़ी? ये शायर महोदय टिकट पा गए क्योंकि इन्होंने प्रियंका गांधी के सचिव संजीव सिंह के साथ यू पी मे लड़की हूं लड़ सकती हूं का कैंपेन चलाया था।
राजस्थान से रणदीप सुरजेवाला ? वह लोकसभा विधानसभा सब चुनाव हार चुके हैं,उसकी खासियत है कि राहुल गांधी की गलतियां छुपाने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस करता है ।
हरियाणा से अजय माकन को देने की जगह रणदीप सुरजेवाला को लड़ा देते लेकिन हुड्डा की एक धमकी और गांधी परिवार सरेंडर।
गुलाम नबी आजाद का टिकट कटा क्योंकि मोदी ने उनकी तारीफ कर दी।
आनंद शर्मा का टिकट कटा क्योंकि उन्होंने मोदी की तारीफ कर दी। पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन को छत्तीसगढ़ से भेजने का एक भी कारण कांग्रेस बता दे?
सारी पार्टियां वक्त के साथ बदल रही हैं लेकिन कांग्रेस ने कसम खा ली है कि जो गांधी परिवार चाहेगा वही होगा।
अभी—अभी उदयपुर में चिंतन शिविर में कांग्रेसियों को बताया गया था कि एक ही परिवार से दो लोगों को टिकट नहीं मिलेगा,50 से कम उम्र वालों को तरजीह दी जाएगी, समर्पित कार्यकर्ता को जिम्मेदारियां सौंपी जांएगी।
प्रमोद तिवारी की बेटी यूपी के प्रतापगढ़ से विधायक हैं।
चिदंबरम की उम्र देखिए और समर्पित कार्यकर्ता? वैसे कार्यकर्ताओं को पोस्टर साटने का काम मिलता रहेगा ये तय किया गया है।
लेखक पूर्वी चंपारण मोतिहारी कांग्रेस में प्रवक्ता एंव जिला उपाध्यक्ष हैं।
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