मल्हार मीडिया भोपाल।
कर्नाटक विधानसभा चुनावों में बजरंग दल को बैन करने की कांग्रेस की घोषणा पर मध्यप्रदेश के सियासी मैदान में जुबानीजंग छिड़ गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि मैंने साल 2000 में ही बजरंग दल को बैन करने का प्रस्ताव भेजा था। वहीं, कमलनाथ ने भी जो नफरत फैलाए उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि कांग्रेस की मति मारी गई है, जो बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रही है। बजरंग दल प्रखर राष्ट्रवादी संगठन है। वो आतंकवाद का विरोध करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा- ये वही कांग्रेस है जो अयोध्या में राम मंदिर का विरोध किया था। जो मौका मिलते ही हिदुत्व का विरोध करती है। एमपी में सिमी के आतंकवादियों को खाद पानी कौन देता है? अब बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात करते हैं।
कमलनाथ पर पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा- जाको प्रभु दारुण दुख देही, ताकी मति पहले हर लेही। कांग्रेस की मति मारी गई है। बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कहते हैं, वह बजरंग दल जो प्रखर राष्ट्रवादी संगठन है।
वह बजरंग दल जो आतंकवाद का विरोध करता है, लव जिहाद का विरोध करता है। सामाजिक सेवा सहित देश भक्ति के भाव, अपनी धर्म और संस्कृति के प्रति स्वाभिमान और जागरण का भाव पैदा करता है उसकी तुलना पीएफआई जैसे आतंकवादी संगठन से।
शिवराज ने कहा कि ये वही कांग्रेस है जो भगवान राम के मंदिर निर्माण का विरोध करती थी। ये वही कांग्रेस है जिन्होंने रामसेतु को काल्पनिक कहा था। ये वही कांग्रेस है जो मौका मिलते ही हिंदुत्व का विरोध करती है। आज उसका चेहरा पूरी तरह से बेनकाब हो गया है। कौन भूलेगा मध्यप्रदेश में सिमी के नेटवर्क को खाद पानी कौन देता था? सर्जिकल स्ट्राइक का विरोध करने वाले, आतंकवादियों को महिमामंडित करने वाले अब बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रहे हैं। कमलनाथ जी बड़े हनुमानजी के भक्त बनते हैं। प्रतिबंध बजरंग दल पर लगाने की बात कांग्रेस कर रही है। कमलनाथ भी इसका जवाब दें।
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि एमपी कांग्रेस में दो ही नेता बचे हुए हैं। एक दिग्विजय सिंह जिनसे जनता पक गई है। दूसरे हैं कमलनाथ जो थक गए हैं। एक थका हुआ और एक पका हुआ।
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस हिन्दुत्व का विरोध करती है। नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ को एक लेटर लिखकर जवाब भी मांगा है।
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी किया है। इस घोषणा पत्र में कांग्रेस ने बजरंग दल के बैन की बात कही है।
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