मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जमीन से जुड़े नेता माने जाते हैं। उन्हें राजनीति में पांव-पांव वाले भैया के नाम से भी जाना जाता है।
भाजपा संसदीय बोर्ड में इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को उ शामिल न किए जाने पर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। मगर उनके एक जवाब ने भाजपा के सांगठनिक ढांचे की मजबूती का फिर से आभास दिया है
उनके एक जवाब ने विरोधियों को बगलें झांकने पर मजबूर कर दिया है।
उन्होंने कहा कि पार्टी उन्हें दरी बिछाने कहेगी तो वह भी करूंगा।
शनिवार 20 अगस्त को एक चैनल के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि मुझे बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि मैं ही योग्य हूं।
पार्टी मुझे दरी बिछाने का काम देगी तो राष्ट्र हित में यह करूंगा।
सीएम चौहान ने कहा, पार्टी कहेगी कि जैत (मुख्यमंत्री का गृह गांव) में रहो तो वहां रहूंगा। पार्टी कहेगी कि भोपाल में रहो तो भोपाल में रहूंगा। राजनीति में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बीजेपी एक विशाल परिवार है। इसके प्रवाह में कोई आगे बढ़ता है तो कोई बाहर आता है।
केंद्रीय स्तर पर एक टीम होती है, जो यह तय करती है कि किसे, क्या काम करना है। जैसे हम प्रदेश में तय करते हैं।
उन्होंने कहा- राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसदीय बोर्ड में जिन्हें शामिल किया है, वे सभी योग्य हैं। इसमें पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण को ध्यान में रखा गया है।
ज्ञातव्य है कि बीजेपी ने 17 अगस्त को अपने संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन किया था, जिसमें कुछ नए चेहरों को जगह दी गई है, जबकि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को बाहर किया गया था।
गौरतलब है शिवराज भाजपा के सबसे वरिष्ठ मुख्यमंत्री हैं, यही वजह है कि वे पिछले नौ साल से संसदीय बोर्ड के सदस्य रहे।
मध्यप्रदेश से अब दलित नेता सत्यनारायण जटिया को जगह मिली है।
संघ के करीबी माने जाने वाले जटिया उज्जैन से सात बार सांसद रहे। बीजेपी ने एक बार उन्हें राज्यसभा भी भेजा।।।
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