कीर्ति राणा।
भाजपा नेतृत्व का फोकस प्रदेश की ऐसी 103 सीटों पर अधिक है जहां पिछले चुनाव में उसे सफलता नहीं मिली थी। इनमें से कांग्रेस को 96 और अन्य को 7 पर जीत मिली थी।
रणनीतिकारों में यह आम राय बन रही है कि इन 103 सीटों पर भाजपा नए और युवा चेहरों को मौका दे।
यदि इस सलाह को नीतिगत निर्णय मान लिया जाता है तो उम्रदराज पूर्व मंत्री अंतर सिंह आर्य, ललिता यादव, ओमप्रकाश धुर्वे, नारायण सिंह कुशवाह, जयभान पवैया, रुस्तम सिंह, उमाशंकर गुप्ता, अर्चना चिटनीस, शरद जैन, जयंत मलैया, बालकृष्ण पाटीदार आदि को अब शायद ही मौका मिले।
एक कारण तो उम्र अधिक होना और दूसरा भारी कारण इनकी सीटों पर सिंधिया समर्थक विधायकों की दावेदारी, इनमें से कितनों को टिकट मिलेगा और कितने जीत पाएंगे यह तो सिंधिया भी नहीं बता सकते।
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