मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण पर भाजपा—कांग्रेस के बीच रार थमने का नाम नहीं ले रही है। इस मुद्दे पर आज ओबीसी संगठनों ही दो फाड़ दिखाई दिए।
शनिवार को एक पक्ष का कांग्रेस समर्थित बंद बेअसर रहा है तो दूसरी पक्ष ने ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सम्मान किया। इस अवसर पर शिवराज ने कहा कि कांग्रेस का ओबीसी आरक्षण के विरोध का इतिहास रहा है।
मध्य प्रदेश में ओबीसी महासभा ने 21 मई को ओबीसी वर्ग का आरक्षण नगरीय निकाय चुनाव में कम होने के खिलाफ प्रदेश बंद का आह्वान किया।
इसको कांग्रेस ने समर्थन किया, बंद का ज्यादा असर दिखा नहीं है।
हालांकि संगठन का दावा है कि ग्वालियर-चंबल इलाके में बंद का असर रहा। वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री निवास पर ओबीसी को आरक्षण दिलाने के साथ संगठनों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सम्मान किया।
इस मौके पर सीएम ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा, मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने विधानसभा में संकल्प लिया था। ओबीसी आरक्षण के साथ ही चुनाव हो।
मैं सच में आज भावनात्मक रूप से आपको बता रहा हूं कोई पूछे की 16 साल के मुख्यमंत्री काल में कौन सा सबसे बड़ा काम किया, जिसने दिल को सुकून दिया हो। तो मैं कहूंगा ओबीसी के आरक्षण के साथ हम चुनाव करा पाए।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और कमलनाथ आपका विचार ओबीसी विरोध का ही रहा है।
इतिहास उठाकर देख लीजिए आज कांग्रेस आरोप लगा रही है, बंद का आह्वान कर रही है।
उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी को मैं बताना चाहता हूं अगर कोई साथ देगा तो उसके साथ, कोई साथ नहीं देगा तो उसके बिना, अगर कोई विरोध करेगा तो उसके बावजूद हम ओबीसी को आरक्षण के साथ ही मध्यप्रदेश में चुनाव कराएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ओबीसी का विरोध करने की नीति रही है। कांग्रेस ने कभी ओबीसी आरक्षण का विचार तक नहीं किया। कांग्रेस का इतिहास ओबीसी आरक्षण के विरोध का इतिहास रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1952 हो 1957 हो 1962, 1967, 1972 हो कांग्रेस चुनाव जीतती रही, लेकिन कभी ओबीसी आरक्षण देने के बारे में सोचा तक नहीं। कांग्रेस ने केवल वोट बैंक की राजनीति की है।
कांग्रेस ने केवल मूर्ख बनाने के अलावा कोई और काम नहीं किया। सीएम ने कहा कि यदि पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने का काम किया तो गैर कांग्रेसी सरकार आने के बाद शुरू हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस कह रही है कि आरक्षण इतना होना था, उतना होना था। मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि तुम लोगों ने तो एक परसेंट भी आरक्षण नहीं दिया।
आज तक केवल बंटाधार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट् में आपकी सरकार है तो वहां बिना आरक्षण के चुनाव क्यों हो रहे। उन्होंने कहा कि सिवाए बंटाढार के तुमने कुछ नहीं किया।
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