सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया खिलाफ तो उद्धव दे सकते हैं इस्तीफा

राजनीति            Jun 29, 2022


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच आज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कैबिनेट बैठक बुलाई। इसमें उन्होंने कैबिनेट मंत्रियों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि सहयोग जारी रहेगा।

अपनी सरकार के भाग्य पर अनिश्चितता के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को अपने कैबिनेट सहयोगियों को पिछले ढाई वर्षों में उनके द्वारा दिए गए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

बैठक के बाद वह भावुक नजर आए और पत्रकारों का हाथ जोड़कर अभिवादन भी किया।

इससे ये कयास भी लग रहे हैं कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके खिलाफ आया तो वह बहुमत परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे सकते हैं।

यह उद्धव कैबिनेट की आखिरी बैठक भी हो सकती है। बहरहाल, सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं जहां शिवसेना और बागी गुट के वकीलों ने अपनी दलीलें पेश की हैं।

बैठक में शामिल रहे राकांपा नेता और महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल जानकारी दी कि सीएम ने मीटिंग में कहा कि उनका अपने ही लोगों ने साथ नहीं दिया है।

पाटिल ने बताया, सीएम ठाकरे ने कहा कि सभी तीन पार्टियां एक साथ आईं और ढाई साल में अच्छा काम किया। उन्होंने सभी पार्टियों का आभार जताया।

कल विश्वासमत होगा और यह तय किया जाएगा कि यह अंत है या नहीं। सीएम उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि उन्हें कांग्रेस और एनसीपी का समर्थन मिला लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें अपनी ही पार्टी (शिवसेना) के लोगों का समर्थन नहीं मिला।


वहीं, कांग्रेस मंत्री सुनील केदार ने कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे हमेशा दूसरों का सम्मान करते हैं। मंत्री ने कहा कि उन्होंने कैबिनेट को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि सहयोग जारी रहेगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या एमवीए सरकार शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना के अधिकांश विधायकों के विद्रोह से बच पाएगी, केदार ने कहा, जिस तरह से ठाकरे ने राज्य की लड़ाई का नेतृत्व किया है, उसे देखते हुए सदन में हर विधायक अपनी अंतरात्मा की आवाज के अनुसार मतदान करेगा।

कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं होने के बावजूद सीएम उद्धव कोविड-19 से बेहतरीन तरीके से निपटे।

कांग्रेस नेता ने कहा कि उद्धव ठाकरे न रुकेंगे और न ही हारेंगे। केदार ने लोगों से यह विचार करने की अपील की कि ठाकरे के खिलाफ एक साजिश रची गई थी, जिन्होंने रीढ़ की गंभीर सर्जरी के बावजूद महामारी के दौरान कुशलता से राज्य का नेतृत्व किया।

सुनील केदार ने कहा, उद्धव ठाकरे को कोई पूर्व प्रशासनिक अनुभव नहीं था। उन्होंने कोरोना से मुकाबला किया। उनकी क्रिटिकल सर्जरी हुई थी।

स्पाइनल सर्जरी कराने के एक महीने के भीतर किसने काम करना शुरू कर दिया है? मुझे एक नाम बताओ। इस आदमी ने ऐसा किया। यहां तक कि पीएम ने उनसे कहा कि उन्होंने ताकत दिखाई।

 



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