मल्हार मीडिया भोपाल।
नए संसद भवन में सेंगोल स्थापित करने और विपक्षी दलों द्वारा उद्घाटन समारोह में शामिल न होने के कारण केंद्र से लेकर राज्यों तक राजनीति गरमाई हुई है।
इसी बीच मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना विक्रमादित्य और अहिल्याबाई से कर दी है।
उन्होंने कहा कि इस देश के अंदर आप जब देखेंगे सम्राट विक्रमादित्य से लेकर देश के अंदर ऐसे जो दो-तीन लोग हो गए हैं।
जिन्होंने भारत के संस्कृति धर्म और अध्यात्म के लिए दुनिया के अंदर कुछ काम किया है रानी अहिल्याबाई सम्राट विक्रमादित्य।
ऐसे लोगों की श्रंखला में कोई इस देश के अंदर तीसरा चौथा नाम अगर आता हैख् तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इस दुनिया के अंदर देश के अंदर धर्म अध्यात्म संस्कृति की स्थापना के लिए प्रयास करने वाले व्यक्तित्व हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि देश के अंदर भारतीय परंपरा और भारत के बढ़ते मान सम्मान से कांग्रेस को इतनी नफरत क्यों है? यह भारत की 140 करोड़ जनता आज जानना चाहती है कि कांग्रेस कह रही है!
कांग्रेस सैंगोल को फर्जी बता रही है यह भारत की लोकतांत्रिक आजादी का प्रतीक है....हमारे स्वर्णिम इतिहास का एक विशिष्ट अंग है मजबूत और समृद्ध राष्ट्र निर्माण के संकल्प का प्रतीक है कांग्रेस को इस बात के लिए इस देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने ऐतिहासिक तथ्यों के हवाल से कहा कि कांग्रेस को देश की जनता से माफी मांगना चाहिए। जिसे नेहरू जी को सौंपा गया था, कांग्रेस उसे ही फर्जी बता रही है। इस पर कमलनाथ का क्या विचार है यह बताएं, जनता के सामने बताना चाहिए। दिग्विजय सिंह से तो कुछ कहने की जरूरत नहीं है, भारतीय संस्कृति पर आक्रमण होते हैं तो दिग्विजयसिंह का खून बढ़ जाता है।
दावा किया जा रहा है कि आजादी के वक्त इसी सेंगोल के जरिये अंग्रेजों ने भारत को सत्ता हस्तांतरित की थी। हालांकि अब कांग्रेस इस दावे को फर्जी बता रही थी। एक ट्वीट में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह दावे बोगस हैं और इन्हें व्हाट्सएप के जरिए लोगों के दिमाग में भरा जा रहा है।
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