मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मध्यप्रदेश के ग्वालियर के सिंधिया घराने का नाम इतिहास में आजादी के गद्दारों के रूप में दर्ज है। ऐसा कहा जाता है कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान झांसी की रानी महारानी लक्ष्मीबाई से सिंधिया खानदान ने गद्दारी की थी।
सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता में भी इस बात का जिक्र है।
लेकिन जबसे सिंधिया घराने के ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हुए हैं यह इतिहास बदलने लगा है।
सौ सालों में पहली बार सिंधिया घराने के किसी मुखिया ने रानी झांसी की समाधि पर झंडावंदन किया है।
रविवार 14 अगस्त को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रानी लक्ष्मीबाई की समाधी पर झंडावंदन किया।
में तिरंगा यात्रा में शामिल हुए। यात्रा के बाद सिंधिया रानी की समाधि पर पहुंचे और झंडावंदन किया।
इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब सिंधिया परिवार का कोई मुखिया वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर झंडा वंदन करने के लिए पहुंचा है।
छ महीने पहले पहली बार सिंधिया ने रानी लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल पर पहुंचकर पुष्पांजलि भी अर्पित की थी।
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर झंडावंदन करने के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विभाजन की विभीषिका पर आधारित चित्रों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इ
स दौरान केंद्रीय मंत्री के साथ ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर और पूर्व मंत्री माया सिंह उपस्थित रहीं।
गौरतलब है कि आजादी के बाद कभी भी सिंधिया परिवार का कोई भी सदस्य वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई समाधि स्थल पर नहीं गया था और इसका सबसे बड़ा कारण यह था कि सिंधिया परिवार पर वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के प्रति गद्दारी का आरोप लगता रहा है।
सिंधिया परिवार जब कांग्रेस में था तब भाजपा के कई ऐसे बड़े दिग्गज नेता खुले मंच से सिंधिया परिवार को गद्दार बताते थे। लेकिन केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में आने के बाद अब दूसरी बार वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई के समाधि स्थल पर पहुंचे हैं।
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