मल्हार मीडिया डेस्क।
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी भूचाल पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं। साथ ही बागी विधायकों को इशारों-इशारों में अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दे रहे हैं।
संजय राउत ने कहा है कि शिवसेना के बाप यानि बालासाहेब ठाकरे के नाम का कोई इस्तेमाल ना करें, जिसको करना है अपने बाप के नाम का इस्तेमाल करे। इतना ही नहीं अब बागी विधायकों पर संजय राउत ने तीखा हमला बोला है।
संजय राउत ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि “कब तक छिपोगे गौहाटी में, आना ही पड़ेगा चौपाटी में।” इसके साथ ही संजय राउत ने विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल की तस्वीर भी शेयर की है। संजय राउत के ट्वीट पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
महाराष्ट्र सियासी संकट के बीच संजय राउत का आक्रामक बयान सामने आया है।
संजय राउत ने कहा कि है गुवाहाटी में जो 40 लोग मौजूद हैं वे जिंदा लाश हैं, उनकी आत्मा मर चुकी है। राउत ने कहा कि जब वे मुंबई आएंगे तो उन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए सीधा विधानसभा भेजा जाएगा।
महाराष्ट्र के दहीसर में एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी के अंदर बढ़ती बगावत को लेकर संजय राउत ने कहा, यह जो 40 लोग वहां हैं, वे बिना आत्मा के जिंदा लाशों के समान हैं। ये मुर्दे हैं, उनका शरीर यहां आएंगा लेकिन आत्मा मर चुकी होगी।
40 लोग जब मुंबई उतरेंगे तब वे मन से जिंदा नहीं रहेंगे। उन्हें पता है कि यहां आग लगी हुई है।
संजय राउत ने आगे कहा, 'वे जानते हैं कि यहां जो आग लगी है उसमें कितनी दहशत है। राउत ने बागियों पर तंज कसते हुए कहा, 'जब मै गुवाहाटी के रेडीसन ब्लू होटल की तस्वीरें देखता हूं तो बिग बॉस हाउस जैसा लगता है। लोग खा-पी रहे हैं और खेलकूद रहे हैं।
इनमें से आधे साफ हो जाएंगे। कब तक आप गुवाहाटी में छिपोगे, कभी तो वापस चौपाटी आना पड़ेगा।'
महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार को एक और झटका लगा है। उद्धव सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत भी गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे कैंप में पहुंच गए हैं। उदय सामंत अभी तक ठाकरे कैंप में माने जा रहे थे।
इससे पहले राउत ने पत्रकारों से कहा था, 'विद्रोहियों को मेरी खुली चुनौती है कि वे इस्तीफा दें और अपने वोटरों से नए सिरे से जनादेश मांगें।
अतीत में, छगन भुजबल, नारायण राणे और उनके समर्थकों ने अन्य दलों में शामिल होने के लिए शिवसेना विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया था।
यहां तक कि मध्य प्रदेश में (केंद्रीय मंत्री) ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों ने (मार्च 2020 में) कांग्रेस विधायकों के रूप में इस्तीफा दे दिया था।'
गौरतलब है कि दक्षिण मुंबई में मंत्रालय (राज्य सचिवालय), विधान भवन (विधायिका परिसर), राजभवन और मुख्यमंत्री का आधिकारिक बंगला ‘वर्षा’ सहित प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठान गिरगाम समुद्र तट के आसपास के क्षेत्र में स्थित हैं, जिसे गिरगाम चौपाटी भी कहा जाता है।
महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय ने शनिवार को शिंदे सहित शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग को लेकर दी गई अर्जी के आधार पर उन्हें ‘समन’ जारी कर 27 जून की शाम तक लिखित जवाब मांगा है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने उद्धव ठाकरे को बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकृत किया है।
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