कांग्रेस हाईकमान से मिलकर आए सचिन बोले, मिलकर चुनाव लडेंगे

राजस्थान            Sep 29, 2022


 मल्हार मीडिया ब्यूरो।

कांग्रेस के लिए बैठे-बैठाए आए राजस्थान संकट में गुरुवार को सोनिया गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच मुलाकात के बाद भले ही एक हिस्से का पटाक्षेप हो गया है।

 लेकिन इसके दूसरे किरदार सचिन पायलट को साधना पार्टी हाईकमान के लिए अभी-भी टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।

हालांकि सोनिया गांधी से मिलने के बाद सचिन पायलट ने अपना फोकस विधानसभा चुनावों को बताया है।

राजस्थान से जुड़े पूरे घटनाक्रम पर अब तक खामोश रहे सचिन पायलट ने गुरुवार देर शाम पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है और कहा है कि पार्टी हाईकमान जो फैसला लेगा वह उन्हें मान्य है।

सियासी घमासान की आखिरी कड़ी आज टूटती नजर आई। इस कड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद सचिन पायलट ने भी 10 जनपथ पहुंच कर सोनिया गांधी से मुलाकात की है।

सोनिया गांधी से लंबी मंत्रणा के बाद पायलट ने पहली बार इस सियासी घटनाक्रम पर अपनी चुप्पी तोड़ी है।

सचिन पायलट ने कहा कि 10 से 12 महीने बचे हैं।  हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे।  

राजस्थान में 30 साल से परंपरा रही है कि 5 साल बीजेपी और 5 साल कांग्रेस की सरकार आती है।

उस परंपरा को हम लोग मिलकर तोड़ेंगे. हमें उम्मीद है सब मिलकर अच्छे से चुनाव लड़े तो परंपरा को तोड़ सकते हैं।  

आलाकमान ने सबसे बात की है. हमने अपनी बात रखी है इस मामले पर आलाकमान सकारात्मक फैसला लेगा।

एक घंटे चली मुलाकात के बाद पायलट ने कहा कि मैंने आज कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की. उन्होंने शांतिपूर्वक मेरी बात सुनी।

 हमने जयपुर में जो कुछ भी हुआ उसको लेकर विस्तार से बातचीत की।  

मैंने उन्हें अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया है, साथ ही उन्हें अपना फीडबैक भी दे दिया है. राजस्थान के संदर्भ में पूरा फैसला सोनिया गांधी ही लेंगी।

इससे पहले अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर मांफी मांगी थी।  

गहलोत ने कहा था कि मंगलवार की घटना के बाद मैंने तय कर लिया कि अब मैं अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लडूंगा।

 आलाकमान ने पूरा विश्वास करके मुझे जो जिम्मेदारी दी।

 मैं प्रदेश अध्यक्ष एआईसीसी महासचिव सहित कई पदों पर रहा हूं।

 2 दिन पहले जो घटना हुई समय खुद दुखी और आहत हुआ हूं।

मैंने सोनिया गांधी को सॉरी फील  किया।

 मुख्यमंत्री बने रहने के सवाल पर अशोक गहलोत ने कहा कि इसपर सोनिया गांधी को फैसला लेना है।

 

 



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