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तब फेडरर ने कहा था वह अपने करियर में करीब 50 रैकेट तोड़े चुके हैं

स्पोर्टस            Sep 23, 2022


ओमप्रकाश।

रोजर फेडरर का सौम्य, शालीन स्वभाव के अलावा मुस्कान ऐसी जिस पर हर कोई निसार हो जाए.

उनकी सदाबहार मुस्कराहट से ऐसा प्रतीत होता है कि वह तनाव को आसपास भटकने नहीं देते. फेडरर एक बार जिससे भी मिल लेते वो उनका दीवाना हो जाता.

टेनिस करियर में वह कई खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने. सामान्य जीवन में बेहद भावुक दिखने वाले फेडरर के अंदर एक कड़ा प्रतिद्वंदी बैठा था.

जिसे मैच जीतने की भूख थी और हारना बर्दाश्त नहीं. मैच में गलती करने पर वह अंदर ही अंदर झल्लाते.

कोर्ट पर दोबारा गलती न करने का अपने आप से वादा करते.

फेडरर को न अपनी हार पसंद थी और न ही जिसे चाहते उसकी. इमोशंस को कैसे नियंत्रित किया जाता है इस कला में उन्हें महारत हासिल थी.

इसके बावजूद उन्होंने मैच के दौरान कई बार आपा खोया.

अन्य खिलाड़ी की तरह रैंकिंग में शीर्ष पर आना और ग्रैंड स्लैम जीतने की उनकी भी हसरत थी. 2001 में रोजर फेडरर सबसे युवा खिलाड़ी थे.

ऑस्ट्रेलिया के लेटिन हेविट स्विस खिलाड़ी फेडरर से महज 5 महीने बड़े थे. उन दिनों हेविट एक के बाद एक टूर्नामेंट जीत रहे थे.

फेडरर को भी सफलता की तलाश थी. 2001 में उन्होंने मार्टिना हिंग्गिस के साथ होफमैन कप में शुरुआती मैच जीता. इसी साल फरवरी में उनकी किस्मत पलटी.

मिलान में आयोजित इंडोर टूर्नामेंट में योवगेनी कफेलनिकोव को हराकर फाइनल में पहुंचे. इसके बाद फाइनल में फेडरर ने फ्रेंचमैन जूलियन बाउटर को हराकर खिताब जीता.

ये फेडरर का पहला एटीपी खिताब था. वहीं आगामी हफ्ते में फेडरर डेविस कप इतिहास में सबसे कम उम्र में जीत दर्ज करने वाले खिलाड़ी बने.

साल 2001 के फरवरी महीने में फेडरर 'प्लेयर अॉफ द मंथ' रहे थे.

इस दौरान फेडरर को सफलता मिली. उनकी रैंकिंग में सुधार हुआ. लेकिन यह सिलसिला लंबा नहीं चला और उनकी लय बिगड़ गई.

मई 2001 में जर्मन ओपन के पहले राउंड में फेडरर का मुकाबला अर्जेंटीना के फ्रेंको स्क्वीलारी से हुआ.

स्क्वीलारी पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर चुके थे. दूसरे सेट में भी उन्होंने बढ़त बना रखी थी.

मैच के दौरान दूसरे सेट के 10वें गेम में फेडरर जैसे ही ब्रेक पॉइंट लेने से चूके अर्जेंटीना के खिलाड़ी ने दूसरा सेट 6-4 से जीत लिया.

स्क्वीलारी से हाथ मिलाने बाद फेडरर अपने इमोशंस पर काबू नहीं रख पाए. उन्होंने अंपायर की चेयर पर तीन बार जोर-जोर से अपने रैकेट को दे मारा.

 ऐसे ही 2009 में मियामी ओपन में नोवाक जोकोविच के विरुद्ध मैच में पॉइंट हारने के बाद उन्होंने अपने रैकेट को तोड़ दिया था.

एक बार फेडरर से टेनिस कोर्ट पर रैकेट तोड़ने को लेकर सवाल पूछा गया.

तब फेडरर ने कहा था वह अपने करियर में करीब 50 रैकेट तोड़े चुके हैं.

 



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