मल्हार मीडिया ब्यूरो।
भारतीय सेना ने बड़ा बदलाव करते हुए फैसला लिया है कि अब पुरुष सैनिकों के साथ महिला जवान भी लड़ाई के मैदान में नजर आएंगी। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि महिलाओं को लड़ाकू भूमिका में लाने की प्रक्रिया पर तेजी से काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में महिलाओं को मिलिट्री पुलिस में भर्ती किया जाएगा।
दुनियाभर में ऐसे चुनिंदा देश हैं जहां पर महिलाओं को सेना में लड़ाई के मौर्चे पर मौका दिया जाता है। अभी तक भारत में भी सिर्फ पुरुष सैनिकों को लड़ाई की भूमिका में रखा गया है। जनरल रावत ने कहा, “मैं महिलाओं को जवान के रूप में देख रहा हूं। मैं इसे जल्द ही शुरू करने जा रहा हूं। पहले हम महिलाओं को मिलिट्री पुलिस जवान के रूप में भर्ती करेंगे।” सेना में अभी तक महिलाओं को मेडिकल, लीगल, एजुकेशनल, सिगनल और इंजीनियरिंग विंग में देखा जाता है।
बिपिन रावत और बल के शीर्ष अधिकारियों ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर काजीगुंड के निकट आतंकी हमले में शहीद हुए दो सैनिकों को आज भावभीनी श्रद्धांजलि दी। आतंकियों ने शनिवार को राजमार्ग पर सेना के एक काफिले पर हमला कर दिया था। इस घटना में नायक दीपक कुमार मैती एवं मणिवानन जी की मौत हो गयी थी। जनरल रावत ने पालम हवाईअड्डे पर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से कहा, ‘‘सैनिक के लिए लिए कर्म ही पूजा है।’’
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘एक सैनिक के लिए काम ही उसका धर्म है और इसलिए हमें अक्सर कहा जाता है कि कार्य ही पूजा है…हमें निश्चित रूप से उन बहादुर सैनिकों को सम्मान और श्रद्धांजलि अर्पित करने की जरूरत है, जो कर्तव्यपालन के क्रम में शहीद हो गए।’’ दोनों सैनिकों के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक स्थानों पर ले जाया जाएगा जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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