छतरपुर से धीरज चतुर्वेदी
एक सनकी यूवक अपने आंतक से महिला कुसुमराय को आंतकित करता रहा। पीडित परिवार अपनी सुरक्षा के लिये पुलिस थाने से लेकर आला अधिकाारियों तक शिकायतें करता रहा। पुलिस का तंत्र महिला के साथ छेडखानी के मामले में भी अपने चिरपरिचित अंदाज में न्योछावरों पर ध्यान देता रहा। इधर युवक हिंसक हो गया और उसने छतरपुर शहर के सटई रोड पर दिनदहाडे महिला को गोलियों से भून दिया। यह भाजपा का वो राज है जिसे रामराज कहा जाता है। दावे किये जाते हैं महिला सुरक्षा के। सरकार आंखों पर पट्टी बांध और कान को बंद कर बुरा ना तो देखना चाहती है और ना सुनना चाहती है। तभी तो मध्यप्रदेश में ना जाने कितनी कुसुमराय लाचार भ्रष्ट सिस्टम के कारण मौत के घाट उतार दी जाती है या स्वयं मौंत के गले लगकर कई सवाल छोड जाती है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के छतरपुर जिला मुख्यालय पर 23 फरवरी 2017 की दोपहर सरेआम कुसुमराय पत्नी प्रेमनारायण राय को गोली मार दी गई थी। झांसी के निजी अस्पताल में उपचार के चलते 3 फरवरी को कुसुम राय की मृत्यु हो गई। घटना के दिन कुसुमराय अस्पताल से आटोरिक्शा में बैठकर अपने घर जा रही थी तभी पडोसी बल्लू मिश्रा ने उस पर तीन फायर कर दिये थे। यह कोई साधारण घटना नहीं बल्कि कानूनी व्यवस्था की लाचारी को प्रदर्शित करती है कि किस तरह एक आदतन अपराधी बैखौफ होकर भीड़ वाले इलाके में सरेआम एक महिला को गोलियों से भून देता है। इस मामले में जितना देाष अपराधी बल्लू मिश्रा का है उतना ही देाष उस पुलिस व्यवस्था का भी है जो अपने निजी स्वार्थों के कारण संवदेनशील मसलों को भी मात्र कागजों में ही निपटा देती है।
मृतका कुसुम राय और उसका पति पुलिस की देहरी पर रोज चक्कर लगा रहा था ताकि उन्हें सुरक्षा और अपराधी के खिलाफ कार्यवाही होने से न्याय मिल सके। चूंकी हमलावर बल्लू मिश्रा के पिता गुलाब मिश्रा स्वयं पुलिस अधीक्षक कार्यालय में कार्यरत होकर सेवानिवृत हुये हैं। इस कारण पुलिस का हमलावर को प्रश्रय मिलने के आरोप लग रहे हैं। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि बल्लू मिश्रा आदतन अपराधी है। उस पर कई अपराध भी दर्ज हैं। कोई भी घटना के बाद पुलिस तब ही उस पर मामला दर्ज करती थी जब वो मामला तूल पकड जाता था। वरना थाने पर ही शिकायतो की औपचारिकतायें पूरी कर दी जाती थीं।
पिछले साल 9 अक्टूबर 2016 की दोपहर कुसुम राय घर में अकेली थी तभी बल्लू मिश्रा ने घर में जबरन घुसकर उसके साथ बलात्कार करने की कोशिश की थी। इस घटना का लिखित शिकायती आवेदन कुसुम के पति प्रेमनारायण ने 10 अक्टूबर को उपपुलिस अधीक्षक अजाक थाना छतरपुर को दिया था। साथ ही कुसुम राय ने स्वयं 10 अक्टूबर को सिविल लाईन थाना प्रभारी के नाम आवेदन देकर न्याय की गुहार की थी। अजाक थाना और सिविल लाईन थाना द्धारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। तब पीडित कुसुमराय ने पुनः 14 अक्टूबर को लिखित रिपोर्ट की तब सिविल लाईन थाना पुलिस ने 15 अक्टूबर को आरोपी बललू मिश्रा के खिलाफ धारा 452, 354, 323, 506 का अपराध दर्ज किया था। मामला दर्ज होने के बाद से आरोपी ने पीडित परिवार को ओर अधिक परेशान करना शुरू कर दिया। वो पीड़ित परिवार को खुले रूप में धमकी देता रहा कि उन्हें वो जान से मार देगा। घरो में पत्थर मारना और पति-पत्नी का रास्ते में पीछा कर परेशान करना आम बात हो गई थी।
पीड़ित परिवार पहले से ही आंशकित था कि उनके साथ कोई गंभीर घटना आरोपी बल्लू मिश्रा घटित कर सकता है। इसे लेकर पीडित परिवार ने कई शिकायतें पुलिस अधीक्षक सहित सिविल लाईन थाना को की लेकिन पुलिस ने इन आवेदनों और शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया। आरोपी ने 3 दिसंबर 16 को भी पीडित परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी। जिसकी शिकायत महिला के पति प्रेमनारायण राय ने सिविल लाईन थाना में की थी। शर्मनाक है कि आवेदनों की जांच के नाम पर आने वाले जांचकर्ता उल्टे पीडित परिवार से आरोपी के खिलाफ कार्यवाही करने के नाम पर घूस ले लिया करते थ। पीडित परिवार के अनुसार सिविल लाईन थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक ने एक शिकायत आवेदन की जांच दौरान पीडित परिवार से 50 हजार रूपये की यह कहकर मांग की कि आरोपी बल्लू मिश्रा को किसी बडे मामले में कई दिनो तक जेल पंहुचवा देगे। पीडित परिवार के प्रेमनारायण राय ने इन मुंशी को 10 हजार रूपये भी दे दिये। लेकिन घूस लेने के बाद भी आरोपी का कुछ नही बिगडा। नतीजे सामने आये कि अंततः पुलिस के भ्रष्ट सिस्टम के कारण राय परिवार को अपने घर की 40 वर्षीय महिला की मौंत के रूप में कीमत चुकानी पडी। जिसे सरेआम गोलियो से भून दिया गया था।
कुसुमराय की हत्या को गंभीर मानते हुये शनिवार को अखिल भारतीय खंगार समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह पिडांरी ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। जिसमें पीडित परिवार को सुरक्षा देने की मांग की। साथ ही महिला द्धारा अनेको शिकायतो करने के बाद भी कार्यवाही ना करने वाले पुलिस कर्मियो पर कार्यवाही की मांग की। प्राप्त पुलिस अधीक्षक ने सिविल लाईन थाना के प्रधान आरक्षक को लाईन अटैच कर दिया है। वहीं पीडित परिवार की सुरक्षा के लिये होमगार्ड का सिपाही तैनात कर दिया है।
संपर्क:9425145264
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