बांदा से आशीष सागर।
प्रेम दिवस ' का सप्ताह चल रहा है बहुत से लोग वादा दिवस का उल्लास मना रहे हैं। ऐसे में अपने उत्तरप्रदेश के बाँदा में बीते 10 फरवरी मन दुखाने वाली घटना घटित हुई। राजकीय इंटरकालेज बाँदा में अध्यापक रामरतन राजपूत की होनहार बेटी हिमांशी जिसने कभी बाँदा में बारहवीं टाप किया था। बीएससी दूसरे वर्ष की छात्रा ने केन नदी में पुल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। एक दिन बाद बीस घंटे की खोज में गोताखोर उसके शव को निकाल सके।
पारिवारिक जन इस हादसे से सदमे में हैं। बिटिया ने खुदकुशी से पहले सुसाइड नोट में अपने मित्र / प्रेमी पर धोखा देने का इल्जाम लगाया है और मार्मिक शब्द में माता-पिता से उसको माफ़ न करने की जिरह की है। सवाल ये है कि हमारी नवांकुर पीढ़ी को समाज,घर परिवार ऐसे अवसरवादी इश्कबाजों से बचाए जिन्हें प्रेम का अर्थ मनोरंजन करना लगता है...असल में ये भूखे दरिन्दे है। इन्हें समाज के हर तबके में देखा जा सकता है...दुखी परिवार और बेटी को न्याय की संवेदना के साथ।
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