मल्हार मीडिया भोपाल।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार 27 जनवरी को बोर्ड एग्जाम्स से पहले ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से बातचीत की।
राजधानी नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हुए इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में छात्र एकत्रित हुए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माता-पिता को बच्चों पर अधिक अंक लाने को लेकर दबाव न डालने की सलाह दी। इस दौरान एक छात्र ने पीएम मोदी से हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क को लेकर पूछा।
पीएम मोदी ने हार्ड और स्मार्ट के बीच संतुलन को कैसे बनाया जाए इसको लेकर एक कहानी सुनाई।
चर्चा के दौरान एक छात्र ने पीएम मोदी से पूछा, “क्या ज्यादा जरूरी है? स्मार्ट वर्क या हार्ड वर्क?” प्रधानमंत्री ने मुस्कराते हुए कहा, ‘कुछ लोग शायद ही स्मार्ट वर्क करते हैं और कुछ लोग स्मार्टली हार्ड वर्क करते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हमें इन पहलुओं की बारीकियों को सीखना चाहिए।’
जिससे अच्छे परिणाम को हासिल किया जा सके। पीएम मोदी ने एक प्यासे कौवे की कहानी सुनाकर छात्रों को हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क के बीच अंतर करने के तरीके बताए।
‘जिस तरह बल्लेबाज को फोकस गेंद पर होता है, उसी तरह छात्र को फोकस पढ़ाई पर हो’
पीएम मोदी ने कहा, ‘जैसे क्रिकेट में बल्लेबाज भीड़ के चौके-छक्के की आवाज को नजरअंदाज करते हुए फेंकी गई गेंद पर फोकस करता है, वैसे ही छात्रों को भी अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। किसी के दवाब में न आएं।’
प्रधानमंत्री ने टाइम मैनेजमेंट के महत्व के बारे में बात की और छात्रों को अपनी माताओं से सीखने की सलाह दी।
पीएम मोदी ने छात्रों से कहा, ‘क्या आपने कभी अपनी मां के टाइम मैनेजमेंट और कौशल पर ध्यान दिया है?
एक मां कभी भी अपने भारी काम से बोझ महसूस नहीं करती है। यदि आप अपनी मां को देखेंगे, तो आप समझ पाएंगे कि वो टाइम पर किसी काम को कैस किया जाए।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘माता-पिता अपने बच्चों पर दबाव न डालें साथ ही उन्होंने छात्रों से कहा कि वो अपनी क्षमता को कम न आंके।’
उन्होंने कहा, ‘परिवार के सदस्यों की बहुत सारी उम्मीदें होना बहुत स्वाभाविक है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन अगर सामाजिक स्थिति के कारण परिवार के सदस्यों को ये उम्मीदें हैं तो यह चिंता का विषय है।’
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