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कौन हैं सुदुन गुरुंग, जिनकी एक आवाज पर नेपाल का युवा उतरा सड़क पर

अंतर्राष्ट्रीय            Sep 09, 2025


मल्हार मीडिया डेस्क।

सोमवार की सुबह नेपाल में लाखों युवा सड़कों पर उतर आए थे। युवाओं का गुस्सा वैसे सोशल मीडिया को बैन करने वाले नेपाल सरकार के हालिया फैसले को लेकर भड़का था, लेकिन इस आंदोलन की इबारत काफी समय पहले लिख दी गई थी। नेपाल के Gen-Z आंदोलन के पीछे सिर्फ एक चेहरा था- सुदन गुरुंग।

सुदन गुरुंग की एक आवाज पर ही नेपाल के लाखों युवाओं ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनों में 20 लोग मारे गए, जबकि 200 से अधिक घायल हुए। लेकिन नेपाल के युवा अपनी मांगों से तस से मस नहीं हुए। पहले नेपाल के गृहमंत्री, फिर कृषि मंत्री और फिर स्वास्थ्य मंत्री ने इस्तीफा दे दिया।

हामी नेपाल ने युवाओं को एकजुट किया

नेपाल में पहले से ही सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार, आर्थिक असमानता और कुप्रशासन के खिलाफ गुस्सा भरा हुआ था। इस गुस्से की आग में घी डालने का काम सरकार के सोशल मीडिया को बैन करने वाले फैसले ने लिया। सुदन गुरुंग ने नेपाल के युवाओं को एक मंच पर लाने की कोशिश की। सुदन का संगठन हामी नेपाल वैसे तो खुद को गैर-लाभकारी संगठन बताता है, लेकिन Gen-Z आंदोलन के पीछे इस संगठन की बड़ी भूमिका है।

सुदन गुरंग पहले इवेंट मैनेजमेंट का काम करते थे। जिंदगी पार्टियों के इर्द-गिर्द घूमती थी। लेकिन 2015 में नेपाल में आए भूकंप ने उनकी जिंदगी बदल दी। सुदन गुरुंग ने मानवता के कामों में खुद को झोंक दिया और हामी नेपाल की स्थापना की। अब सुदन गुरुंग एक एक्टिविस्ट बन चुके थे। उनका संगठन 2015 से ही सक्रिय था, लेकिन 2020 में इसका रजिस्ट्रेशन हुआ।

सुदन गुरुंग बने युवाओं की आवाज

हामी नेपाल ने अपने देश के युवाओं की आवाज को अपना मुद्दा बनाया और सीधे उनके दिल तक पहुंच बनाई। सुदन गुरुंग ने नेपो बेबीज और देश के कुलीन वर्ग को निशाने पर लिया। 8 सितंबर के आंदोलन के लिए आह्वान करते हुए सुदन गुरुंग ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर लिखा, 'भाइयों और बहनों। 8 सितंबर वो दिन है, जब नेपाल के युवा उठेंगे और कहेंगे कि अब पर्याप्त हो गया। ये हमारा समय है, हमारी लड़ाई है और ये हम युवाओं से ही शुरू होगी।'

पोस्ट में लिखा था, 'हम अपनी आवाज उठाएंगे, मुट्ठियां भीचेंगे, हम एकता की ताकत दिखाएंगे, उनको अपनी शक्ति दिखाएंगे जो नहीं झुकने का दंभ भरते हैं।' इस पोस्ट ने नेपाल के युवाओं में जोश भर दिया और 8 सितंबर को युवाओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने वीपीएन का इस्तेमाल करके को-ऑर्डिनेट किया और अपनी आवाज को ओली सरकार के सामने बेबाकी से रखा।

 


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