मल्हार मीडिया ब्यूरो।
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को दावा किया कि कर्नाटक की एक विधानसभा सीट पर उनके समर्थकों के नाम काटे गए. उन्होंने दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया किया कि वोटरों के नाम काटने के लिए साफ्टवेयर का प्रयोग किया गया.
कांग्रेस नेता ने कहा कि कर्नाटक पुलिस की सीआईडी इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन 18 बार अनुरोध करने के बाद भी चुनाव आयोग ने सीआईडी की ओर से मांगी गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है.
नेता विपक्ष ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर वोट चोरों को बचाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में 'वोट चोरी' का 'हाइड्रोजन बम' वो अगले कुछ दिनों में फोड़ेंगे. आइए जानते हैं कि राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस के
1-इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कर्नाटक के कलबुर्गी जिले की आलंद विधानसभा सीट के मतदाता सूर्यकांत को पेश किया. उनके मुताबिक सूर्यकांत के नाम पर 14 मिनट में 12 लोगों के नाम काटे गए. लेकिन सूर्यकांत ने इस तरह से किसी का नाम कटवाने से इनकार किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में सूर्यकांत ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके नाम पर यह काम कैसे हुआ.
इसी तरह से राहुल ने नागराज नाम के एक वोटर का हवाला दिया, जिसने 36 सेकेंड में वोटर के नाम काटने के दो फार्म भर दिए. उन्होंने कहा कि नागराज ने यह काम सुबह चार बजे उठकर किया था. इसी तरह से राहुल ने गोदाबाई का भी जिक्र किया, जिनकी अपील पर 12 वोटरों के नाम डिलीट किए गए. लेकिन इसके बारे में गोदाबाई को कोई जानकारी नहीं है. गोदाबाई ने एक प्री रिकॉर्डेड वीडियो के जरिए अपनी बात रखी.
राहुल गांधी ने कर्नाटक के कुलबुर्गी जिले की आलंद विधानसभा सीट के आधार पर वोट काटे जाने का आरोप लगाया.
2- राहुल गांधी ने कहा कि यह 'वोट चोरी' एक बूथ लेबल अधिकारी (बीएलओ) के जरिए पकड़ी गई. उस बीएलओ के एक रिश्तेदार का वोट काट दिया गया था. बीएलओ ने पता लगाया तो पता चला कि उनके रिश्तेदार का वोट उसी के पड़ोसी ने डिलीट करवाया है. जब पड़ोसी से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि हमने वोट डिलीट नहीं करवाया है. शक बढ़ने पर बीएलओ ने प्रॉसेस शुरू की और पता चला कि किसी तीसरे ने आलंद में सेंट्रलाइज तरीके से वोट डिलीट किए हैं.
3- उन्होंने बताया कि इसमें ये भी पता चला कि वोटर के नाम काटने के लिए फाइलिंग ऑनलाइन ऑटोमेटेड तरीके से हुई. इसके लिए जो मोबाइल नंबर इस्तेमाल किए गए वो कर्नाटक के बाहर के थे. राहुल ने कहा कि आलंद में उन्होंने छह हजार वोट काटने के मामले पकड़े हैं, लेकिन ये संख्या और बड़ी हो सकती है. उन्होंने कहा कि यह चोरी साफ्टवेयर के जरिए की गई है. इसलिए हर जगह वोट कटवाने वाले मतदाता का नाम उस बूथ की मतदाता सूची में पहले नंबर पर है. उनके मुताबिक, आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6018 मतदाताओं का नाम हटाने के लिए आवेदन दिए गए. उन्होंने यह भी कि कही वोट काट कर जीत की कोशिश की जा रही है तो कही वोट जोड़कर. इसका उदाहरण देते हुए राहुल ने कहा कि महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के राजौरा विधानसभा क्षेत्र में इसी तरीके का इस्तेमाल करके 6850 नाम जोड़े गए थे.
4- उन्होंने आरोप लगाया कि इस जांच में पता चला कि कांग्रेस के वोटर्स को टारगेट कर, उनके वोट डिलीट किए गए. उन्होंने आरोप लगाया कि जिन 10 बूथों को निशाना बनाया गया, वहां 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उनमें से आठ पर जीत दर्ज की थी.
5- नेता विपक्ष ने दावा किया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार लोकतंत्र की हत्या करने वालों और वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ज्ञानेश कुमार को ऐसे लोगों को संरक्षण देना बंद कर एक हफ्ते में कर्नाटक की सीआईडी के साथ पूरी जानकारी साझा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर एक हफ्ते में चुनाव आयोग सीआईडी को जानकरी नहीं देता है तो यह समझा जाएगा कि ज्ञानेश कुमार वोट चोरों की मदद कर रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा, "मैं अपने लोकतंत्र, देश और संविधान से बहुत प्रेम करता हूं और ऐसी कोई बात नहीं करूंगा जो तथ्यों पर आधारित नहीं हो."
कब फोड़ेंगे हाइड्रोजन बम
राहुल गांधी ने एक सितंबर को पटना में 'वोटर अधिकार यात्रा' के समापन पर 'वोट चोरी' से जुड़े अपने पहले के खुलासे का हवाला देते हुए दावा किया था कि 'एटम बम' के बाद अब 'हाइड्रोजन बम' आने वाला है. हालांकि राहुल ने गुरुवार को दावा किया आने वाले कुछ दिनों में वो 'हाइड्रोजन बम' फोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि अभी वो उसकी नींव तैयार कर रहे हैं. उन्होंने यह कहकर सबको चौंका दिया कि अब उन्हें चुनाव आयोग के अंदर से भी मदद मिलने लगी है और वहां से उन्हें जानकारियां उपलब्ध कराई जा रही हैं.
राहुल ने इससे पहले सात अगस्त को कर्नाटक की बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के तहत आने वाली महादेवपुरा विधानसभा सीट पर कथित वोट चोरी का आरोप लगाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि एक ही घर में बहुत से लोगों के नाम दर्ज हैं. इसके अलावा उन्होंने एक ही मतदाता के कई जगह का मतदाता होने की जानकारी दी थी. उन्होंने उन जानकारियों को 'एटम बम' कहा था.
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