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वीथिका

श्रीकांत सक्सेना। काशी ज़िंदा नगरी है। आध्यात्मिक शब्दावली में कहें तो जाग्रत शहर। काशीवासी मानते हैं कि काशी दुनिया का सबसे पुराना शहर है। पुरातत्वविद भी यह मान लेते हैं कि काशी दुनिया के सबसे...
Dec 17, 2021

विजयदत्त श्रीधर।16 दिसंबर 1971 को भारत की शूरवीर सेना के सामने पाकिस्तान की अत्याचारी फौज ने हथियार डाले। यह दूसरे महायुद्ध के बाद किसी फौज का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था। इस परिघटना ने...
Dec 16, 2021

ओशो जिसको तुम जन्म-दिन कहते हो, वह जन्म-दिन थोड़े ही है; मौत और करीब आ गई! उसको जन्म-दिन कह रहे हो! लोग जन्म-दिन मनाते हैं! लेकिन मौत करीब आ रही है। एक साल और...
Dec 12, 2021

राकेश कायस्थ। अस्सी के दशक के आखिरी साल थे। बहुत लंबे हाँ-ना के बाद हमारे यहां टीवी लाया गया था। लेकिन जल्द ही पिताजी ने महसूस किया कि टीवी देखने की...
Dec 04, 2021

राकेश दीवान।‘भाईजी’ यानि सलेम नानजुंदैया सुब्बराव यानि एसएन सुब्बराव को याद करूं तो करीब पचास साल पहले, विनोबा की मौजूदगी में अल-सुबह सुना कबीर का ‘झीनी रे चदरिया’ भजन याद आता है। उन दिनों (1974...
Nov 08, 2021

हेमंत कुमार झा।बचपन में एक बार यह जान कर मैं अचंभित रह गया था कि ब्राह्मणों की कोई एक उपजाति होती है जिसका काम है आयुर्वेद पढ़ना और वैद्य बन कर लोगों का इलाज...
Aug 29, 2021

संजय स्वतंत्र।श्रीकृष्ण को जब भी याद कीजिए राधा जी दौड़ी-दौड़ी चली आएंगी। दोनों के बीच आज भी गहरा प्रेम है। यह शाश्वत है। हम कृष्ण से पहले राधा का ही नाम लेते हैं।...
Aug 29, 2021

श्याम त्यागी।24 मार्च, 1931 के दिन या भगत सिंह को फांसी दिए जाने की अगली सुबह गांधी जैसे ही कराची (आज का पाकिस्तान) के पास मालीर स्टेशन पर पहुंचे, तो लाल कुर्तीधारी नौजवान भारत सभा...
Oct 02, 2019

श्याम त्यागी।भगत सिंह और गांधी दोनों के रास्ते अलग थे लेकिन इरादा सिर्फ एक था, भारत की आज़ादी। देशवासियों पर जिस तरह का शोषण हो रहा था उस शोषण से लोगों को मुक्ति दिलाना। आज़ादी...
Oct 02, 2019

प्रकाश भटनागर।यह श्रद्धांजलि और इसमें जुड़े तारीफ वाले शब्द इसलिए नहीं कि किसी का निधन हो गया है। ऐसा इसलिए कि निधन बाबूलाल गौर का हुआ है। दिवंगतों के सम्मान में लिखना तथा बोलना...
Aug 21, 2019