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एक मैच,एक फिल्म, एक कंपनी, एक गलती सब पर भारी

खरी-खरी            Sep 18, 2025


डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी।

कोई मैच हो, फिल्म हो या कंपनी हो, एक गलती तबाह कर देती है। एक गलती बता देती है कि आप भीतर से क्या हो? सिर्फ एक गलती किसी की जन्मपत्री बदल देती है।

  1. एक मैच

14 सितम्बर को दुबई में खेला गया भारत पाकिस्तान का T20 मैच।  भारतीय टीम बहुत अच्छा खेली, लेकिन वाहवाही नहीं मिली। लोगों ने कहा कि आतंकी देश की टीम से क्यों खेले? भारत के खिलाड़ियों ने जीत के बाद हाथ नहीं मिलाया, तो पाक कोच बिलबिलाए।

लेकिन भारतीय टीम को न तो अपेक्षित दर्शक मिले और न ही अपेक्षित वाहवाही ! क्योंकि यह पाकिस्तान के साथ खेलने का सही वक़्त नहीं था।

भारतीय टीम कितना अच्छा खेली इस पर कोई चर्चा नहीं कर रहा.  भारतीय टीम की जीत पर लोग जिस तरह राजबाड़ा जाकर जश्न मनाते हैँ,  वैसा किसी ने नहीं किया.

  1. एक फिल्म

द बंगाल फाइल्स।  इस फिल्म में पल्लवी जोशी ने करीब सौ साल की भारती बनर्जी की भूमिका प्रभावशाली तरीके से निभाई। बहुत अच्छी अभिनेत्री हैं वे। अनुपम खेर, दर्शन कुमार, सिमरत कौर आदि का अभिनय भी शानदार था। संगीत दिल छूने वाला था, लेकिन फिल्म सुपरफ्लॉप हो गई, जबकि विवेक अग्निहोत्री की ही द कश्मीर फाइल्स सुपरहिट हुई थी। उसने भारत में ही करीब 250 करोड़ और विदेश में करीब 90 करोड़ कमाए थे।

द बंगाल फाइल्स में जिस तरह हिंसा का अतिरेक, हत्या-बलात्कार के लम्बे  वीभत्स सीन दिखाए गये थे, वे लोगों को पसंद नहीं आये। फिल्म में महात्मा गांधी के चरित्र को अवांछित तरीके से दिखाया गया।  नोआखाली और बंगाल के दंगों के लिए गांधी जी  को जिम्मेदार बताने, बेबस दिखाने की कोशिश की गई, वह गांधी  जी के देश के लोगों को रास नहीं आई।

उन दंगों में हजारों मारे गए थे, लेकिन उसके लिए गांधी जी  कहाँ से  जिम्मेदार थे? गांधी जी कोई  वायसराय थे? बंगाल में चीफ मिनिस्टर थे? पुलिस कमिश्नर थे? मेयर थे? थे क्या गांधीजी ? किसी पद पर थे कि उनके एक आदेश से मार्शल लॉ लग जाता?  क्या उनका कार्यक्षेत्र बंगाल था? फिर भी गांधी जी दंगाग्रस्त इलाकों में करीब चार महीने रहे और 69 दंगाग्रस्त  गांव में पैदल और नंगे पांव गए थे।

उन्होंने कहा था कि यहां हर जगह इतनी लाशें बिछीं थी, कि मैं वहां चप्पल पहनकर नहीं जा सकता।  उनके साथ गईं सुचेता कृपलानी और सुशीला नैयर को हर रोज बलात्कार की धमकियां मिलती थीं। गांधी जी को रोज ही हत्या की धमकियां मिलती थीं, लेकिन वे विचलित नहीं हुए। उन्हें कोई Z Plus सिक्योरिटी नहीं मिली थी. हजारों क़त्ल हुए, यह इतिहास जानता है, और इतिहास यह भी जानता है कि अगर गांधी जी तब वहां नहीं होते तो उससे भी कई गुना बड़ा कत्लेआम मचता। गांधी जी के वहां जाने से शांति की वापसी कैसे संभव हुई थी, इस पर किताबें लिखी जा सकती हैं. बापू का वह काम Thankless रहा.

क्या कोई और  बाहर का नेता वहां इतने दिन के लिए गया और शांति की अपीलें करने गया था? किसी भी पार्टी का - कांग्रेस, मुस्लिम लीग या हिन्दू महासभा का? कहां गए  दंगों को रुकवाने में अपनी हड्डियों की समिधा बनवाने गए  बूढ़े गांधी जी के योगदान के पन्ने ? उन पन्नों को गुड़ी मुड़ी करके कूड़ेदान में फेंकने की कोशिश की  लोग कैसे सराहना करते? जनता ने फिल्म को सिरे ने नकार दिया। बता दिया कि गांधी जी चार महीने केवल 'वैष्णव जन तो तेने कहिये...' भजन करने नहीं गये थे.

विवेक अग्निहोत्री भूल गये थे कि इतिहास  की कोख में हजारों-लाखों फाइलें हैं, फाइल का एक पन्ना सम्पूर्ण इतिहास कभी नहीं होता! इतिहास कंप्यूटर की डिस्क नहीं है कि रीफार्मेट या डिलीट कर दी जाये.

  1. एक कंपनी

एयर इंडिया. 12 जून 2025. अहमदाबाद में भीषण दुर्घटना. 241 यात्री और अनेक नागरिकों की जान चली गई. उसके बाद भी लगातार कई शिकायतें सामने आती रहीं. पुराने विमान और रखरखाव की समस्या तो थी ही, पायलटों की कमी भी एक मुद्दा रहा.  उडाने सही वक्त पर शुरू नहीं हो पाती थी, कई उड़ानें रद्द हो जाती.  खराब सीटों और खराब सेवाओं की शिकायत भी रही और सुरक्षा ऑडिट में भी कमी नजर आईं.

आज भारत के एवीएशन मार्केट में एयर इंडिया का शेयर लगभग 14% है. एयर इंडिया की प्रतिस्पर्धी इंडिगो का मार्केट शेयर 60% है और उसका मुनाफा पिछले साल 7586 करोड़ था, जबकि एयर इंडिया भारी घाटी में चल रही है. इस पर अरबों रुपये का कर्ज भी है.

असल बात तो ये है कि आपका DNA कैसा भी हो,  लेकिन अगर आपने कोई गलती की तो लोग आपको माफ नहीं करते. केवल एक गलती सब कुछ चौपट कर सकती है!

 


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