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खरी-खरी

राकेश कायस्‍थ। हरिशंकर परसाई इस धरती पर 71 साल तक रहे। जब तक जिये लगातार लिखते रहे। परसाई को दुनिया छोड़े 27 साल हो गये हैं। मान लीजिये अगर परसाई अगर होते तो क्या करते?...
Aug 10, 2022

श्रीकांत सक्‍सेना। सवाल इस दौर के भारतीय महा आख्यान या महाविमर्श(Grand narrative or master narrative)का है। उत्तर आधुनिक फेंकुओं ने ये तो समझा ही दिया है कि जो व्यक्ति या दल अपने समाज...
Aug 08, 2022

श्रीकांत सक्‍सेना। अपने देश की समृद्ध विरासत पर गर्व करने के लिए हमारे पास अनेक कारण हैं। हमारी सभ्यता संसार की सबसे प्राचीन सभ्यता है। प्रागैतिहासिक काल का पश्चिमी जगत मात्र कुछ उल्टा-सीधा...
Aug 07, 2022

डॉ. वेदप्रताप वैदिक। यह शुभ-संकेत है कि भारत की न्याय-व्यवस्था की दुर्दशा पर हमारे प्रधानमंत्री और प्रमुख न्यायाधीशों ने आजकल खुलकर बोलना शुरु किया है। हम आजादी का 75 वाँ साल मना रहे...
Aug 04, 2022

राकेश दुबे।ऐसा देश जहां मेडिकल और इंजीनियरिंग की डिग्री पाने की दीवानगी हो, वहां यह अप्राकृतिक नहीं होगा कि जिन विद्यार्थियों को बीए-एमए की डिग्री पाने की खातिर कॉलेज-यूनिवर्सिटी आने की मजबूरी है,...
Aug 03, 2022

राकेश दुबे।समय आ गया है ,राजनीतिक दलों को लोकलुभावन वादे जैसे विषय पर विशद चर्चा करना चाहिए। आने वाले आम चुनाव के पहले इस विषय पर एकमत होना जरूरी है। यूँ तो इस...
Aug 02, 2022

राकेश दुबे। कितनी अजीब स्थिति है संसद के भीतर और बाहर की। बेलगाम जुबान, अफ़सोस रहित माफ़ी, जैसी अप्रिय स्थिति वो भी सासदों द्वारा देखने को मिल रही है। यह स्थिति सवाल पैदा करती है...
Jul 29, 2022

श्रीकांत सक्सेना।1984 में आज की उत्तर आधुनिक दुनिया के सबसे चर्चित दार्शनिक मिशेल फूको,एड्स के कारण इस दुनिया-ए-फ़ानी से कूच कर गए। चूँकि चालीस-पचास साल तक दुनिया भर में...
Jul 26, 2022

डॉ. वेदप्रताप वैदिक।सर्वोच्च न्यायालय में आजकल एक अजीब-से मामले पर बहस चल रही है। मामला यह है कि क्या भारत के कुछ राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक माना जाए या नहीं?...
Jul 23, 2022

सचिन जैन।संवैधानिक चेतना और बुद्धिमत्ता (कान्स्टीट्यूशनल कान्शन्स और इंटेलिजेंस) का मतलब है संविधान के मूल्यों का निजी, सामाजिक और व्यवस्थागत जीवन में मौजूद होना, उनका पालन किया जाना। ऐसी नजर विकसित...
Jul 21, 2022