वीथिका

ममता यादव मिसालें बहुत मिलती हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनका जीवन ही प्रेरणा होता है। कहते हैं शिक्षा की रोशनी से बड़ी कोई चीज नहीं होती और अगर कोई किसी भटकते...
Nov 30, 2015

ममता यादव सच्ची लगन हो तो कुछ भी कर दिखाना मुश्किल नहीं होता। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले की खिलचीपुर तहसील की ग्राम पंचायत बावड़ीखेड़ा के छोटे से गांव शिवनाथपुरा...
Nov 29, 2015

डॉ.एम.एल.गुप्ता आदित्य विश्व हिंदी सम्मेलन के बहाने ही सही एक ऐसी बहस तो शुरु हुई जिसे बहुत पहले शुरू होना चाहिए था। यदि ऐसी कोई समाधानकारक...
Nov 25, 2015

डॉ.एम.एल.गुप्ता आदित्य हिंदी और भारतीय भाषाओं को उतना नुकसान अंग्रेजों ने नहीं पहुंचाया जितना कि आजादी के बाद काले अंग्रेजों ने पहुंचाया। वे जिन्होंने जाने-अनजाने उच्च- शिक्षा, रोजगार और व्यापार-व्यवसाय व देश के तंत्र को...
Nov 24, 2015

मनोज कुमार बैंक के भीतर जाना मेरे लिए आसान नहीं होता है। एक साहस का काम है और साहस जुटाकर जैसे ही मैंने बैेंक के दरवाजे...
Nov 21, 2015

संजय गोविंद खोचे जी हाँ, कोई गलती नहीं, कोई मिसप्रिंट नहीं, आपने शीर्षक में एकदम सही पढ़ा है, महाराष्ट्र के आदिवासी इलाके मेलघाट में पिछले 24 साल से काम कर रहे, डॉ. श्री. रवीन्द्र कोल्हे...
Nov 20, 2015

खान अशु "वह" खामोश रहते थे तो भी बड़ा बवाल था, "इनके" बोल वचन भी वजह-ए-हन्गामा हैं। टिप्पणीकारों, व्यगकारों, समीक्षकों और खासकर कार्टूनिस्टों के लिए एक नया कैरेक्टर पिछले 18 माह से देश में मौजूद...
Nov 18, 2015

सिद्धार्थ शंकर गौतम 17 नवंबर का दिन भारतीय आधुनिक इतिहास का कभी न भूलने वाला दिन बन गया है। तीन वर्ष पूर्व इसी तिथि पर हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे महानिर्वाण को प्राप्त...
Nov 17, 2015

शरद जोशी ( जुलाई 1983 का यह व्यंग्य जो तत्कालीन प्रधानमंत्री के ऊपर लिखा गया था। 32 वर्ष बाद भी यह कितना सटीक है। ) देश के लिए यह सौभाग्य की बात है या...
Nov 16, 2015

संजय जोशी मैगी गयी थी तूफान की तरह और लौटी शांत हवा की तरह। तब तो लगा था कि जैसे कुपोषण की जड़ गयी,उसके जाने...
Nov 12, 2015