वीथिका

संजय जोशी 'सजग' दूसरी भाषा के प्रभाव ने क्षेत्रीय भाषा और बोलियों को गौण सा कर दिया है ,ये भाषा और बोलियाँ हमारी संस्कृति का मुख्य आधार है ,अब धीरे-धीरे लुप्त होने की कगार पर...
Mar 20, 2015

मल्हार मीडिया ब्यूरो आपको याद होगा कि अपने बचपन में जब आप सुबह उठते थे तो गौरैया की चहचहाहट आपके कानों को सुकून देती थी। मगर अब यह आवाज हमें कम सुनाई पड़ती है। मानो...
Mar 20, 2015

1993में हुए मुंबई बम विस्फोट का हाल प्रकाश हिंदुस्तानी की कलम से उस दिन भी शुक्रवार था। तारीख 12, महीना मार्च का और...
Mar 17, 2015

संजय जोशी 'सजग " बांकेलाल जी जो हर समय कुछ -कुछ सोचते रहते है यह जानते हुए कि ज्यादा सोचना दुखों का कारण होता है फिर भी सोचते है आज वो एक सरकारी विज्ञापन के...
Mar 13, 2015

ममता यादव आज पिया संग खेला होरी, सब सखियां मिलके चलोरी।। फागुन रतु आई है गौरी, गागर रंग भरोरी।। भाल गुलाल हाथ पिचकारी, अबीर लियो भर झोरी।। ये पंक्तियां पड़कर सामान्य तौर पर कोई भी...
Mar 07, 2015

संजय जोशी 'सजग' जब से ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने 'सेल्फ़ी' (Selfie) को 'वर्ड ऑफ़ द ईयर' चुना है तब से इतने कम समय में इस सेल्फ़ी शब्द के लाइम लाइट में आने पर आश्चर्यचकित होना स्वाभाविक...
Feb 28, 2015

संजय जोशी 'सजग ' फू और थू ने हमारी संस्कृति को सर्वाधिक प्रभावित किया है जो अपने प्रति ही समर्पित नहीं उससे क्या उम्मीद की जा सकती है ? स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने की...
Feb 27, 2015

संजय जोशी 'सजग' किसी भी विषय पर चिंतन करना समाज और देश के लिए बहुत जरूरी है पर देश में चिंतन का वातावरण ही नहीं है सब के सब चिंता में ही लगे हुए है...
Feb 24, 2015

ममता यादव मोनिका और अंकिता के साथ करीब 4 घंटे का समय बिताने का मौका मिला और उस समय उनसे बातचीत कर अहसास हुआ कि हम जैसे रोशन आंखों वालों की दुनियां से कहीं ज्यादा...
Feb 23, 2015

संजय जोशी 'सजग' सिंद्धांत ओर नैतिकता पर स्वार्थ किस तरह हावी हो गया है इसे हिंदी साहित्य के महान लेखक प्रेमचंद जी इस तरह लिख गए है कि - विचार और व्यवहार में सामंजस्य का...
Feb 20, 2015