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खरी-खरी

पुण्य प्रसून बाजपेयी।अजीब संयोग है कि 11 जनवरी को देश के उसी प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि है, जिसने देश को जय जवान जय किसान का नारा दिया और शास्त्रीजी की 51वीं पुण्यतिथि के...
Jan 11, 2017

ममता यादव। भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक सागर में शुरू हो गई है। वास्तव में ये बैठक होना कोई खबर नहीं है। खबर ये है कि 15 साल पहले जब सागर में प्रदेश कार्यकारिणी...
Jan 10, 2017

रवीश कुमार।अर्थशास्त्री सुरजीत एस भल्ला का 7 जनवरी के इंडियन एक्सप्रेस में एक लेख छपा है। भल्ला ने यूनिवर्सल बेसिक इंकम को मास्टर स्ट्रोक बताया है। इन दिनों नोटबंदी के बाद आने वाले बजट के...
Jan 08, 2017

भरतचन्द्र नायक। इतिहास और परंपराओं में जीवन का सत्व छिपा होता है, यह सबक की चीज है। इसमें लोकनायक के नायकत्व का स्थान आचार, विचार, व्यवहार भविष्य के लिए सीख देता है। लेकिन जब लोकनायक...
Jan 07, 2017

मल्हार मीडिया डेस्क एक कहावत है, मुफ्त का चंदन घिस बेटा नंदन। एक और कहावत है माले मुफ्त दिले बेरहम। दोनों कहावतें सोमवार को रायपुर के धरना स्थल बूढ़ापारा में सजीव हो उठी। बूढ़ापारा धरना...
Jan 04, 2017

रवीश कुमार।कांग्रेस पार्टी ने निर्भया कांड से कुछ सीखा है तो कर्नाटक के गृहमंत्री को पद से हटा देना चाहिए। बंगलुरू में नव वर्ष की पूर्व संध्या पर लड़कियों के साथ भीड़ ने छेड़खानी की...
Jan 03, 2017

संजय द्विवेदी। हिंदुस्तान के दो बड़े नोटों को बंद कर केंद्र सरकार और उसके मुखिया ने यह तो साबित किया ही है कि ‘सरकार क्या कर सकती है।’ इस फैसले के लाभ या हानि का...
Jan 01, 2017

सुरोजीत मजूमदार।प्रधानमंत्री ने 50 दिन या 30 दिसंबर की बात की थी इसलिए आज इसके नफा-नुकसान के आकलन की रस्म अदायगी हो रही है। लेकिन आज जो तथ्य सामने हैं वह आठ नवंबर की शाम...
Dec 31, 2016

राकेश अचल।हिंदुस्तान की सियासत में मुगलिया तेवर अब उभर कर सामने आने लगे हैं। बीते दो दिन में अरुणाचल और उत्तर प्रदेश में जो कुछ हुआ उसे देखकर लगता है कि सत्ता पाने के लिए...
Dec 30, 2016

हेमंत पाल। भीड़ का कोई चरित्र नहीं होता और न कोई मर्यादा। इसी भीड़ का बदला चेहरा है सडकों पर निकलने वाली रैलियाँ। कभी ये रैलियाँ राजनीतिक होती है, कभी धार्मिक तो कभी सामाजिक। इंदौर...
Dec 30, 2016